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PoK के बगैर कश्मीर अधूरा…राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को दे डाली वार्निंग, क्या अब शुरू होगा असली खेल

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए उस पर पीओके की जमीन का इस्तेमाल आतंकी ट्रेनिंग कैंप चलाने के लिए करने का आरोप लगाया. राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य ‘पीओके के बिना अधूरा है.’ उन्होंने कहा कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को अस्थिर करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है. राजनाथ सिंह ने कहा कि पीओके पाकिस्तान के लिए एक विदेशी क्षेत्र से ज्यादा कुछ नहीं है. पीओके की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद का कारोबार चलाने के लिए किया जा रहा है. सिंह ने 9वें सेना वेटरन्स डे समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पीओके में आतंकी प्रशिक्षण शिविर चलाए जा रहे हैं. पाकिस्तान को उन्हें नष्ट करना ही होगा.

राजनाथ सिंह ने सेना के वेटरन्स डे के अवसर पर कहा कि जैसा कि आप सभी वेटरन्स अच्छी तरह जानते हैं कि 2025 का यह साल 1965 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध का डायमंड जुबली साल है. इसी अखनूर में 1965 की बेहद अहम लड़ाई लड़ी गई थी. पाकिस्तान की फौज ने ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम के नाम से जो नापाक कोशिश इस अखनूर में की थी, उसे भारतीय सेना ने न केवल विफल किया बल्कि एक नया मोर्चा खोलकर और आगे बढ़ कर लाहौर तक पहुंचने में भी कामयाबी हासिल की. राजनाथ सिंह ने कहा कि आप इतिहास उठा कर देखिए, भारत से हुई हर जंग में पाकिस्तान हारा है. चाहे 1948 में हुआ कबाइली हमला हो, 1965 का युद्ध हो, 1971 का युद्ध हो या फिर 1999 का कारगिल में हुआ सीमित युद्ध हो, हर लड़ाई में पाकिस्तान को हार का मुंह देखना पड़ा है.

अवैध घुसपैठ की कोशिश 1965 से जारी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अवैध घुसपैठ और आतंकवाद को हवा देने का काम 1965 के जमाने से पाकिस्तान करता आया है. उसकी यही उम्मीद रही है कि जम्मू एवं कश्मीर में जो मुस्लिम आबादी है वह पाक फौज के साथ खड़ी होगी. मगर न 1965 में यहां के लोगों ने पाकिस्तान का साथ दिया, न ही आतंकवाद के उस दौर में साथ दिया. इसके बावजूद पाकिस्तान ने आज तक आतंकवाद का दामन नहीं छोड़ा है. आज भी 80 फीसदी से अधिक आतंकवादी पाकिस्तान से ही भारत में आते हैं. सीमा पार से जारी आतंकवाद 1965 में ही समाप्त हो गया होता, यदि तत्कालीन सरकार ने जंग के मैदान में मिली कई अहम रणनीतिक बढ़तों को बातचीत की मेज पर रणनीतिक नुकसान में न बदल दिया होता.

बिना PoK के कश्मीर अधूरा
राजनाथ सिंह ने कहा कि 1965 के युद्ध में भारतीय सेनाओं ने हाजी पीर पर तिरंगा लहराने में सफलता हासिल की मगर उसे बातचीत की मेज पर छोड़ दिया गया. यदि यह न हुआ होता तो आतंकवादियों की घुसपैठ का रास्ते उसी समय बंद हो गए होते. राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद को खत्म शुरुआत हमने जम्मू एवं कश्मीर से धारा 370 को समाप्त करके की है.आज यहां हालात काफी हद तक बदले हैं. जम्मू और कश्मीर बिना PoK के अधूरा है. PoK भारत के माथे का मुकुट मणि है. वैसे भी PoK पाकिस्तान के लिए एक विदेशी इलाके से अधिक कुछ नहीं है.

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