ईरान को सबसे बड़ा डर इसी बात का है कि इजरायल उसके परमाणु ठिकानों पर हमला कर सकता है. अगर ऐसा हुआ तो ईरान काफी पीछे चला जाएगा. अपने परमाणु ठिकानों को बचाने के लिए अब ईरान ने जासूसी जहाज ZAGROS को समंदर में उतार दिया है. यह टोही जहाज काफी अपग्रेड है और कई खूबियों से लैस है.
ईरानी मीडिया के मुताबिक, यह देश का पहला सिग्नल इंटेलिजेंस शिप है, जिसे ईरान की नेवी के बेड़े में शामिल किया गया है. इसे ईरान में ही बनाया गया है. यह इलेक्ट्रॉनिक सेंसर, इंटरसेप्टर और अन्य साइबर एंड इंटेलिजेंस कैपेबिलिटीज से लैस है. जाग्रोस केा तब समंदर में उतारा गया है, जब ईरान की आर्मी ने परमाणु ठिकानों को बचाने के लिए एक बड़ी एक्सरसाइज की है. यह मिलिट्री एक्सरसाइज मार्च तक चलनी है. इसका मकसद देश के एटॉमिक सेंटरों नटानज, फोर्डो और खोंडाब की सुरक्षा करना है.
ईरानी नेवी की तीसरी आंख
ईरान के नौसेना प्रमुख एडमिरल शाहराम ईरानी ने कहा, नया जासूसी जहाज समुद्र और महासागरों की गहराई में ईरानी नौसेना की तीसरी आंख होगी. यह दुश्मन की ओर से आने वाले हर खतरे पर नजर रखेगी. ईरान यह मिलिट्री एक्सरसाइज ऐसे वक्त में कर रहा है, जब अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कुछ ही दिनों में शपथ लेने वाले हैं. उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नजर रखने की बात कही है. ट्रंप के पहले कार्यकाल में अमेरिका ने ईरान के साथ परमाणु समझौते को कैंसिल कर दिया था.
ट्रंप के आने की आहट से डरा
ट्रंप ने तब ईरान पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं. उनके कार्यकाल में ही ईरान के सबसे बड़े आर्मी कमांडर कासिम सुलेमानी को अमेरिकी सेना ने ड्रोन अटैक में मार गिराया था. इसी महीने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के सामने ईरान के परमाणु ठिकानों को ध्वस्त करने के विकल्प पेश किए गए थे. ईरान कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम सिर्फ शांतपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, वह परमाणु हथियार नहीं बना रहा है. लेकिन इजरायल-अमेरिका यह मानने को तैयार नहीं है.