सतरेंगा छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है. यह पर्यटन स्थल प्रकृतिक की गोद में बसा हुआ है. यहां पर्यटकों का तांता लगा रहता है. इस खूबसूरत स्थल पर सालोभर पर्यटक आते हैं. लेकिन, सुरक्षा के नाम पर यहां का हालात चिंताजनक है. सतरेंगा में सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के मकसद से पुलिस सहायता केंद्र स्थापित किया गया था. हालांकि, स्थानीय लोगों और खासतौर पर महिलाओं का कहना है कि यह सहायता केंद्र सिर्फ नाम का रह गया है. स्थानीय महिलाओं के अनुसार, यह केंद्र सप्ताह में केवल दो दिन शनिवार और रविवार को ही खुलता है. बाकी के पांच दिन इस केंद्र के दरवाजे पर ताला लटका होता है.
यहां पर्यटकों की सुरक्षा भगवान भरोसे
सतरेंगा में दुकान चलाने वाली महिला शकुंतला कंवर बताती हैं कि भीड़भाड़ वाले दिनों में यह केंद्र खुलने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि यह पर्यटन स्थल है और यहां रोजाना देशभर से सैलानी आते हैं. ऐसे में रोजाना सुरक्षा की जरूरत है, ना कि सिर्फ वीकेंड पर. यह केंद्र लेमरू थाने से दूर होने के चलते स्थापित किया गया था, ताकि पर्यटन क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. लेकिन हकीकत यह है कि यह केंद्र केवल औपचारिकता बनकर रह गया है. महिलाओं और स्थानीय दुकानदारों ने प्रशासन से मांग की है कि पुलिस सहायता केंद्र में रोजाना पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाए.
महिलाओं ने प्रशासन को दिया ये सुझाव
सतरेंगा के स्थानीय लोगों की यह मांग सिर्फ उनकी सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि पर्यटन क्षेत्र को सुरक्षित और समृद्ध बनाने के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है. प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए ताकि यह पर्यटन स्थल सुरक्षित और आकर्षक बना रहे. वहीं महिलाओं ने यह सुझाव दिया कि यदि पुलिस का दैनिक रूप से यहां मौजूद रहना संभव नहीं है, तो कम से कम एक स्थायी टीम बनाई जाए, जो स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था को संभाल सके. इस पहल से पर्यटकों और स्थानीय व्यापारियों को सुरक्षा मिलेगी और पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा, जो पर्यटन स्थल की आय और प्रतिष्ठा को भी बढ़ाएगा.