शेयर बाजार नियामक संस्था SEBI ने फिर से फ्रंट रनिंग (Front Running) के मामले में कड़ा रूख दिखाते हुए 8 यूनिट्स को सिक्योरिटी मार्केट्स से प्रतिबंधित कर दिया और कथित तौर पर ‘फ्रंट-रनिंग’ गतिविधियों से अर्जित 4.82 करोड़ रुपये की राशि को जब्त कर लिया है. ‘फ्रंट-रनिंग’ का मतलब शेयर बाजार के उस गैरकानूनी तरीके से है, जहां कोई इकाई किसी ब्रोकर या विश्लेषक से मिली गैर-सार्वजनिक जानकारी के आधार पर लेनदेन करती है.
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कुछ इकाइयों द्वारा गगनदीप कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड (बड़े ग्राहक) के सौदों के कथित तौर पर फ्रंट-रनिंग से संबंधित होने की जांच के बाद यह कार्रवाई की है. सेबी की जांच की अवधि सितंबर, 2018 से सितंबर, 2023 तक थी.
क्या होती है फ्रंट रनिंग
फ्रंट रनिंग, शेयर बाजार में एक गैरकानूनी गतिविधि है, इसे फॉरवर्ड रनिंग ट्रेडिंग के नाम से भी जाना जाता है. इसमें किसी बड़े निवेशक या ब्रोकर को कंपनी के अंदर की खबरों की जानकारी होती है और इसका इस्तेमाल ये लोग अवैध तरीके से पैसा कमाने के लिए करता है. बड़े ब्रोकर या निवेशक पहले से कंपनी के शेयरों में पॉजिशन बनाकर बैठ जाते हैं और कंपनी से जुड़ी खबर सामने आने के बाद बेचकर निकल जाते हैं. इस तरह के गैर-कानूनी से आम निवेशकों को बड़ा नुकसान होता है.
सेबी ने आदेश में क्या कहा
सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि आशीष कीर्ति कोठारी, उनके परिवार के सदस्य और उनके एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) पर बड़े ग्राहक के फ्रंट-रनिंग सौदे करने का आरोप है. सेबी ने कहा कि इस तरह के सौदों में लिप्त होकर इन इकाइयों ने सेबी अधिनियम के कई प्रावधानों का उल्लंघन किया. लिहाजा आठ इकाइयों को अगले आदेश तक प्रतिभूतियों की खरीद, बिक्री या सौदेबाजी करने से रोक दिया गया है.