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महाकुंभ से लौटते ही गौतम अडानी को मिली खुशखबरी…हाथ से फिसलते-फिसलते रह गया हजारों करोड़ का प्रोजेक्‍ट

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ऐसा लगता है कि अडानी समूह के साल 2025 कुछ ज्‍यादा ही खास होने वाला है. साल की शुरुआत में ही उनके दुश्‍मन और अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग पर ताला लगने की खबर आई और अब पड़ोसी देश में उनके एक बड़े प्रोजेक्‍ट पर मंडरा रहे संकट के बादल भी छंटते नजर आ रहे हैं. कुछ समय पहले तक ऐसा लग रहा था कि अडानी पड़ोसी देश श्रीलंका में बनने वाला यह प्रोजेक्‍ट अडानी समूह के हाथ से निकल जाएगा, लेकिन वहां की सरकार ने एक बार फिर इस पर दोबारा बातचीत करने में रुचि दिखाई.

श्रीलंका सरकार के प्रवक्ता नलिंदा जयतिसा ने मंगलवार को बताया कि उनकी सरकार 484 मेगावाट क्षमता वाली पवन ऊर्जा परियोजना से पैदा होने वाली बिजली की लागत कम करने को लेकर अडानी ग्रीन एनर्जी के साथ बिजली खरीद समझौते पर फिर से बातचीत करेगी. सरकार इस परियोजना की लागत को 0.06 अमेरिकी डॉलर प्रति यूनिट से कम करने के बारे में अडानी समूह की कंपनी के साथ नए सिरे से बातचीत करेगी. उन्‍होंने कहा कि हम चाहते हैं कि यह छह अमेरिकी सेंट से कम हो.

20 साल के लिए हो रहा था समझौता
श्रीलंका की पिछली सरकार ने 484 मेगावाट क्षमता के पवन संयंत्रों के लिए 8.2 सेंट के भाव पर अडानी ग्रीन एनर्जी के साथ 20 साल का बिजली खरीद समझौता (पीपीए) करने का फैसला किया था. हालांकि, इस निर्णय पर विवाद हो गया था क्योंकि स्थानीय बोलीदाताओं ने उससे कम यूनिट कीमतों की बोली लगाई थी. इससे दबाव में आकर जयतिसा की पार्टी नेशनल पीपल्स पावर (एनपीपी) ने पहले अडानी ग्रीन एनर्जी परियोजना को रद्द करने का वादा किया था.
प्रोजेक्‍ट के खिलाफ थी नई सरकार
पिछली सरकार द्वारा सहमत खरीद मूल्यों पर नई सरकार ने दिसंबर में हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था. वैसे श्रीलंका सरकार ने उन खबरों का खंडन किया कि मन्नार और पूनरिन परियोजनाओं के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में स्थित अडानी ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं को रद्द किया जाना है. लेकिन, सरकार ने यह जरूर कहा कि उसके द्वारा नियुक्त एक समिति पूरी परियोजना की समीक्षा करेगी. अडानी ग्रीन एनर्जी ने भी पहले इस बात से इनकार किया था कि श्रीलंका सरकार ने परियोजना रद्द कर दी है.

समूह करेगा 8,600 करोड़ का निवेश
अडानी समूह की कंपनी ने पिछले हफ्ते अपने एक बयान में कहा कि मई, 2024 में स्वीकृत शुल्क दरों का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए दो जनवरी, 2025 का श्रीलंकाई मंत्रिमंडल का निर्णय एक मानक समीक्षा प्रक्रिया का हिस्सा है. खासकर एक नई सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि समझौते की शर्तें उनकी वर्तमान प्राथमिकताओं और ऊर्जा नीतियों से मेल खाती है. इसके साथ ही अडानी ग्रीन एनर्जी ने कहा था कि वह श्रीलंका के हरित ऊर्जा क्षेत्र में एक अरब डॉलर का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा एवं आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा.