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खालिस्‍तानी आतंकी पन्‍नू बेनकाब, हर करतूत का खुलासा, नेता से लेकर डिप्‍लोमेट तक के खिलाफ साजिश का काला चिट्ठा

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खालिस्‍तानी आतंकवादी और सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का सरगना गुरपतवंत सिंह पन्‍नू ने की हर साजिश का कच्‍चा चिट्ठा खोल दिया गया है. पन्‍नू ने विदेशों में पढ़ने वाले नेताओं और पुलिस अधिकारियों के बच्‍चों की लिस्‍ट बना रखी है. पन्‍नू की हिमाकत की पुष्टि एक और बात से होती है. इस खालिस्‍तानी आतंकवदी ने डिफेंस मिनिस्‍टर राजनाथ सिंह के आवास पर प्री-रिकॉर्डेड मैसेज तक भेज चुका है. पन्‍नू के खिलाफ कुल 104 मामले दर्ज हैं. 96 केस विभिन्‍न राज्‍यों/केंद्र प्रशासित क्षेत्रों की ओर से दर्ज कराए गए हैं, जबकि 8 मामले NIA ने दर्ज किए हैं. दुर्दांत खालिस्‍तानी आतंकवादी के खिलाफ UAPA की सख्‍त धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं. भारत सरकार की ओर से पन्‍नू के बारे में सननीखेज खुलासा किया गया है. दूसरी तरफ, अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन ट्रिब्‍यूनल ने पन्‍नू के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों को लागू रखने का आदेश दिया है.

केंद्र ने कहा है कि गुरपतवंत सिंह पन्‍नू के नेतृत्व वाला खालिस्तानी संगठन (SFJ) भारत की नामचीन हस्तियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और खालिस्तान समर्थक रैलियां आयोजित कर भारत के खिलाफ दुष्‍प्राचार कर रहा है. SFJ ने यूरोप, कनाडा, अमेरिका और अन्य देशों में इंडियन डिग्‍नेटरीज के खिलाफ कोर्ट में मामले भी दर्ज कर रखे हैं. ट्रिब्‍यूनल ने अपने आदेश में कहा, बताया जाता है कि पन्‍नू ने बड़े पैमाने पर सरकार और भारतीय जनता को डराने के लिए आतंकवादी गति‍विधियों को अंजाम देने और महत्वपूर्ण नेताओं, सार्वजनिक हस्तियों और सरकारी अधिकारियों की हत्या के लिए पर्याप्त धन जुटाया था. वह खालिस्तान बनाने के उद्देश्य के साथ आतंकवादी गतिविधियों के लिए इन फंड का उपयोग करने का इरादा रखता है.’ सरकार ने ट्रिब्यूनल को बताया कि SFJ ने यह भी दावा किया है कि उसने संगठन के आतंकवादियों पर अत्याचार का बदला लेने के लिए विदेशों में पढ़ रहे पुलिस अधिकारियों और नेताओं के बच्चों की एक लिस्‍ट भी तैयार की है.

गृह मंत्रालय ने SFJ पर प्रतिबंध बढ़ा दिया था, जिसे जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता वाले ट्रिब्‍यूनल ने बरकरार रखा था. जस्टिस मेंद‍िरत्‍ता ने अपने आदेश में कहा, ‘रिकॉर्ड पर मौजूद गैरकानूनी और विघटनकारी गतिविधियां भारत की शांति, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालती हैं. SFJ ने पंजाब में हिंसक उग्रवाद का समर्थन करता है और ऐसे संगठन के लिए कोई जगह नहीं हो सकती जो खुलेआम अलगाववाद की वकालत करता है और भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करता है. UAPA की धारा 3 के सब-सेक्‍शन (1) के तहत SFJ को गैरकानूनी घोषित करने का एक मजबूत आधार है.’ ट्रिब्‍यूनल ने आगे अपने आदेश में कहा, ‘पन्‍नू ने प्रदर्शनकारी भारतीय किसानों को खुद को हथियारों से लैस करने और भारतीय सुरक्षाबलों के खिलाफ लड़ने के लिए उकसाया था. पन्‍नू ने कहा था कि हथियार सीमा पार से उन तक पहुंचेंगे. एसएफजे ने यह भी दावा किया कि उसने अपने लोगों पर अत्याचार होने पर बदला लेने के लिए विदेश में पढ़ रहे पुलिस अधिकारियों और नेताओं के बच्चों की एक लिस्‍ट तैयार की है.’

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