पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सोमवार को 675 सीनियर और जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की. इस बैठक को ‘डॉक्टरों का सम्मेलन’ और ‘चिकित्सा सेवा ही मानव सेवा है’ नाम दिया गया, जिसमें राज्य के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के डॉक्टर शामिल हुए. हालांकि इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों से कुछ ऐसा कह दिया, जिससे विवाद हो गया.
ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को संबोधित करते हुए कहा, ‘आप लोगों से कहूंगी कि विदेश मत चले जाइएगा. यहीं बंगाल में रहिये, देखिये ‘लोहे की जंजीरें’ (डिपोर्ट किए जाने वाले के साथ) क्या हो रहा है…
तृणमूल चीफ ने इसके साथ ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लेडी डॉक्टर से बलात्कार के बाद उसकी हत्या के जिम्मेदार लोगों के लिए सोमवार को सख्त सजा की मांग की. उन्होंने जान गंवाने वाली लेडी डॉक्टर को अपनी ‘बहन’ बताया और पीड़िता के माता-पिता के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. डॉक्टर की अस्पताल में बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी.
धोनो धन्यो ऑडिटोरियम में सीनियर-जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों की एक विशेष सभा को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, ‘मैं उस परिवार के लिए संवेदनशील हूं, मैं आरोपी की ज्यादा से ज्यादा सजा की मांग करती हूं. मैं अपने भाइयो को कहूंगी कि बहनों की रक्षा करो… और बहनों को भी भाइयों की रक्षा करनी चाहिए.’
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘अगर पेशेंट यह देखता है कि डॉक्टर ने अच्छी ट्रीटमेंट की हैं, तो वे बड़े ही खुश होकर घर जाते हैं. हालांकि सोशल मीडिया पर कई बार डॉक्टर्स को लेकर काफी गलत कैंपेन चलाया जाता है. यह ठीक नहीं कि हर डॉक्टर ऐसे हैं. फेक वीडियो की तरह फेक मेडिसिन भी निकली हैं. अगर डॉक्टर्स एक साथ एकजुट होकर रहते हैं तो वह राजनीति से परे होंगे. डॉक्टरों का काम ही सेवा करना.’
न्याय सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला और अपराजिता विधेयक पेश करने पर जोर दिया, जिसमें बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा, ‘मैं भी इस घटना के विरोध में सड़कों पर उतरी थी. हमारी सरकार ने अपराजिता विधेयक पारित किया था, लेकिन यह अब भी (राष्ट्रपति के पास) लंबित है.’