रायपुर। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी को लेकर प्रश्न किया। उन्होंने पूछा- 13 मूल खाताधारकों के खसरे को 54 टुकड़ों में बांटा गया। एक गांव में एक मूल खसरे को 4 टुकड़े किए गए। तीसरे गांव में चार मूल खसरे को 33 टुकड़े किए गए। रायपुर के अभनपुर तहसील के चार गांवों के मुआवजा प्रकरण पर प्रश्न उठाया है। उसमें लगभग 43 करोड़ 19 लाख का आर्थिक नुकसान केंद्र सरकार को कराया गया। राजस्व मंत्री ने ये सब बातें स्वीकार की है। हमारी मांग है कि केंद्र का पैसा है राज्य का हिस्सा भी हो सकता है। पूरे भारतमाला की जो सड़क बन रही है उसमें 350 करोड़ से ज्यादा अतिरिक्त भुगतान किया गया है। राजस्व मंत्री ने स्वीकार किया है। दो अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। बहुत बड़ा प्रश्न है। आपसे निवेदन है कि सीबीआई से जांच करा दीजिए। मंत्री जी और मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है।
राजस्व मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी हुई है। दो तीन तरह की गड़बड़ी हुई है। अधिसूचना जारी होने के बाद रकबे का टुकड़ा किया गया। जमीन एक बार अधिग्रहित की गई थी उसे दोबारा भूअर्जन किया गया। जिसे मुआवजा मिलना था उसे ना देकर दूसरे को मुआवजा दिया गया। ट्रस्ट को मुआवजा ना देकर निजी व्यक्ति को मुआवजा दिया गया। इस पर अभी भी शिकायतें आ रही है। कई लोगों पर कार्रवाई की गई है। इसी गड़बड़ी को रोकने हमारी सरकार ने नए नियम बनाए हैं। मामले में जांच की जा रही है, कार्रवाई भी जारी है।
नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने मंत्री के गड़बड़ी को मानने पर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा 43 करोड़ 19 लाख का अतिरिक्त भुगतान प्रकाशन होने के बाद इसका बंटवारा हुआ। कुछ अधिकारियों को सस्पेंड किया, सीएम को दिखाना चाहता हूं, एक प्रश्न का उत्तर है। जब गड़बड़ी स्वीकार कर रहे हैं तो मेरी मांग है कि जिन जिन अधिकारियों ने गड़बड़ी की है उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर जेल भेजा जाए। सीबीआई से जांच करना स्वीकार कर लें। जांच भी हो जाएगी और आने वाले लोग सतर्क भी हो जाएंगे। मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है।
मंत्री ने कहा जैसे जैसे शिकायत मिल रही है, कार्रवाई की जा रही है। पिछले विधानसभा सत्र में विधेयक पारित किया गया है। लापरवाही और गलती करने वालों को निलंबित किया जा रहा है। महंत ने कहा निलंबन के बदले एफआईआर होनी चाहिए। ये मायाजाल ऐसा है कि कहीं ना कहीं जाल को काट कर निलंबित अधिकारी काम करने लगते हैं। कई मामलों में ऐसा हुआ हैं। वो हमारे शरीर को जमीन को तार तार कर चले आ रहे हैं। इसलिए बहुत शांति से हाथ जोड़कर निवेदन कर रहा हूं कि भारतमाला में हुई गड़बड़ी की जांच सीबीआई से कराने की मांग मान लें।
राजस्व मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि जितने तरह की शिकायतें मिल रही है, उस पर कार्रवाई हो रही है।
महंत ने कहा सीबीआई से जांच का निर्णय मुख्यमंत्री ही ले सकते हैं। सीएम इस पर बता दें तो बेहतर होगा। जब मैं खड़े होकर पिछले सरकार के घपले की बात कर रहा हूं तब भी आप तैयार नहीं हो रहे हैं।
राजस्व मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की शिकायत गंभीर है। दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो रही है, विश्वास दिला रहा हूं जो दोषी होगा उसे बख्सा नहीं जाएगा। इस पर विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने टोका और कहा कि नेता प्रतिपक्ष सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। उस पर जवाब दीजिए।
मंत्री टंकराम ने कहा कि संभाग अध्यक्ष से जांच कराई जाएगी।
सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि राजस्व मंत्री ने बहुत अच्छा जवाब दिया है। कुछ कमी होगी तो बताइए उस पर कार्रवाई होगी। सीएम ने कहा कि पिछले कांग्रेस कार्यकाल में सीबीआई को बैन किया गया था।
महंत ने कहा कि हमने सीबीआई को बैन किया था लेकिन आपकी सरकार ने फिर से सीबीआई जांच हो रही है। इसलिए आपसे ये मांग है कि भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी की सीबीआई जांच करा दें। विधायकों की समिति बनाकर जांच करा लें। मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि संभाग आयुक्त से जांच कराई जाएगी। इसके बाद विधायक उमेश पटेल भी बीच में कूद पड़े। जिसके बाद विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने संतुष्टजनक जवाब नहीं मिलने पर सदन से बहिर्गमन कर दिया।