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सत्येंद्र जैन पीएमएलए मामले में सह-आरोपी की जमानत याचिका पर ईडी को दिल्ली कोर्ट का नोटिस

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के सह-आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया। तीनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने ईडी से जवाब मांगा और मामले को सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका के साथ सूचीबद्ध किया, जिस पर 20 दिसंबर, 2022 को सुनवाई होनी है।
कुछ दिन पहले, सत्येंद्र जैन ने मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए जमानत याचिका के साथ उसी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को भी नोटिस जारी किया है और मामले की अगली तारीख 20 दिसंबर, 2022 तय की है। निचली अदालत ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज करते हुए वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिकाएं भी खारिज कर दीं।
ट्रायल कोर्ट ने कहा था, यह प्रथम दृष्टया रिकॉर्ड में आया है कि आवेदकों / अभियुक्त वैभव जैन और अंकुश जैन ने जानबूझकर सह-आरोपी सत्येंद्र कुमार जैन को अपराध की कार्यवाही को छिपाने और अपराध की कार्यवाही को बेदाग होने का दावा करके सहायता की। आईडीएस, 2016 के तहत अपराध की आय उनकी बेहिसाब आय है और इसलिए, पीएमएलए की धारा 3 में परिभाषित मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए प्रथम दृष्टया दोषी हैं। सत्येंद्र जैन को 30 मई, 2022 को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था।