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अनुराग ठाकुर ने पहलवानों का धरना समाप्त करवा कर सियासी अखाड़े पर दिया विपक्ष को झटका

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नईदिल्ली। दिल्ली के जंतर-मंतर पर दो दिन से प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को मनाने में आखिरकार केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर सफल हो गये। वैसे भी पहलवान शुरू से ही कह रहे थे कि उनकी लड़ाई सरकार या किसी मंत्री के खिलाफ नहीं है। खिलाड़ी यह भी अपील कर रहे थे कि उनकी लड़ाई को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाये। खिलाड़ियों ने अपने धरना स्थल पर पहुँचे वामपंथी नेताओं को भगा भी दिया था। पहलवानों का धरना समाप्त करा कर खेल मंत्री ने सियासी अखाड़े पर विपक्ष को झटका भी दे दिया है। उधर, मोदी सरकार से अपनी शिकायतों का समाधान होने का आश्वासन मिलने के बाद शुक्रवार देर रात सभी पहलवानों ने अपना धरना समाप्त कर दिया। हम आपको बता दें कि पहलवानों की शिकायतों के समाधान के पहले कदम के तहत निशाने पर आए भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों से हटा दिया गया है। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ दूसरे दौर की वार्ता में गतिरोध दूर होने पर विनेश फोगाट, बंजरग पुनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया सहित अन्य पहलवानों ने अपना धरना समाप्त करने का फैसला किया।
हम आपको यह भी बता दें कि भारतीय ओलंपिक संघ ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर चोटी के पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को सात सदस्यीय समिति गठित की है जिसमें एमसी मैरीकॉम और योगेश्वर दत्त जैसे खिलाड़ी भी शामिल हैं। दिग्गज मुक्केबाज मैरीकॉम और पहलवान योगेश्वर के अलावा इस पैनल में तीरंदाज डोला बनर्जी और भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव भी शामिल हैं। समिति में दो वकील तालिश रे और श्लोक चंद्रा और पूर्व शटलर अलकनंदा अशोक भी शामिल हैं। यह फैसला भारतीय ओलंपिक संघ की कार्यकारी परिषद की आपात बैठक में लिया गया। इस बैठक में भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा और संयुक्त सचिव कल्याण चौबे के अलावा अभिनव बिंद्रा और योगेश्वर जैसे खिलाड़ियों ने भी भाग लिया। शिवा केशवन विशेष आमंत्रित के रूप में बैठक में शामिल हुए। भारतीय ओलंपिक संघ अध्यक्ष पीटी ऊषा ने आश्वासन दिया है कि न्याय सुनिश्चित करने के लिये पैनल द्वारा गहन जांच की जायेगी।
इससे पहले, भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह ने कहा था कि वह 22 जनवरी को महासंघ की वार्षिक आम सभा (एजीएम) के बाद अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों पर अपना पक्ष जारी करेंगे। महासंघ अध्यक्ष के पुत्र और गोंडा सदर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक प्रतीक भूषण सिंह ने यह जानकारी दी थी। बृजभूषण शरण सिंह ने शुक्रवार सुबह गोंडा स्थित अपने मूल निवास पर एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया था। हालांकि, संवाददाता सम्मेलन को टाले जाने के करीब सात घंटे बाद, उनके बेटे प्रतीक पत्रकारों से मुखातिब हुए। संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रतीक भूषण ने कहा, “मैं अपने पिता की ओर से आया हूं और मैं आप सभी को सूचित करना चाहता हूं कि हम 22 जनवरी को डब्ल्यूएफआई की एजीएम के बाद लिखित बयान जारी करेंगे।’’ बहरहाल, अब उन्हें पद से हटा दिया गया है जिससे वह जांच में हस्तक्षेप नहीं कर पाएंगे।