Home इन दिनों राहुल गांधी सजा के खिलाफ याचिका नहीं

राहुल गांधी सजा के खिलाफ याचिका नहीं

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‘मोदी सरनेम वाले बयान से जुड़े आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक के बाद एक झटका लग रहा है। निचली अदालत से दोषी ठहराए जाने के खिलाफ राहुल ने सेशंस कोर्ट में याचिका दायर की थी, जो गुरुवार को खारिज हो गई। कहा जा रहा था कि इस फैसले के खिलाफ शुक्रवार को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी, लेकिन अब तक याचिका दायर नहीं की गई है। अब अगले दो दिन कोर्ट बंद रहेगा। इसी बीच, निचली अदालत की तरफ से दिया गया एक महीने का मोहलत भी खत्म हो जाएगा। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या अब राहुल गांधी जेल जाएंगे? 23 मार्च को मानहानि केस में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाने के साथ ही 30 दिन की जमानत दी गई थी। इन्हीं 30 दिनों के अंदर राहुल को ऊपरी अदालत में अपील करना था। ये समय सीमा आज से दो दिन बाद यानी 23 अप्रैल को खत्म हो रही है। हालांकि, इसके पहले तीन अप्रैल को सूरत के सेशन कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ तीन अपील दायर की गई थी। मुख्य याचिका में ष्टछ्वरू कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। इस पर तीन मई को सुनवाई होगी। दूसरी याचिका में दो साल की सजा पर रोक की मांग की गई। तीन अप्रैल को कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए राहुल को अंतरिम जमानत दे दी थी। तीसरी याचिका में दोषी ठहराए जाने पर रोक यानी कन्विक्शन पर स्टे की मांग की गई थी। गुरुवार 20 अप्रैल को सूरत की सेशन कोर्ट ने ये याचिका खारिज कर दी। मतलब अभी तीन मई तक राहुल पर कोई खतरा नहीं है। इस बीच, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। सूरत की सीजेएम कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अगले ही दिन उनकी संसद सदस्यता चली गई। देशभर में कांग्रेस नेताओं ने इसको लेकर विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी दलों को एकजुट किया, लेकिन उस दौरान राहुल ने कोर्ट के फैसले को सेशंस कोर्ट में चुनौती नहीं दी। 11वें दिन वह सेशंस कोर्ट पहुंचे। तब उन्होंने तीन याचिकाएं दायर की। उसी दौरान उन्हें अंतरिम जमानत तो मिल गई, लेकिन दोषी ठहराए जाने के खिलाफ दायर याचिका को 20 अप्रैल को कोर्ट ने खारिज कर दिया। आज इसके खिलाफ राहुल हाईकोर्ट जाने वाले थे, लेकिन अब तक याचिका नहीं दायर हुई। ऐसे में सवाल उठता है कि जिस पार्टी में देश के बड़े-बड़े अधिवक्ता हैं, वो अपने नेता के बचाव में तुरंत क्यों नहीं ऊपरी अदालतों का रुख कर रही है? ये तो साफ दिख रहा है कि कांग्रेस इस मामले में धीमी गति से फैसले ले रही है। ऐसे में संभव है कि कांग्रेस खुद इस मामले को लंबा चलाना चाहती हो ताकि इसका फायदा उसे चुनावों में मिल सके। वह लोगों को यह बताना चाहती है कि चूंकि राहुल गांधी ने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई थी, इसलिए उनके खिलाफ इस तरह का षडयंत्र चल रहा है। कांग्रेस को इसका फायदा हो या न हो, लेकिन विपक्ष जरूर इसके जरिए सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। इसी का हवाला देकर कांग्रेस 2024 के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में जुटी हो।