Home मेरी बात विदेशी स्वर में राष्ट्रगान!

विदेशी स्वर में राष्ट्रगान!

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पिछले दिनों प्रधान मंत्री अमरीकी दौरे पर थे. यह बड़ी बात नहीं है. अनेक प्रधानमंत्री इसके पहले भी दुनिया भर के देशों में जाते रहे हैं लेकिन इस बार जो महत्वपूर्ण घटना घटी, उसे देख कर मेरी आँखों से आँसू निकल पड़े, बहुतों के भी निकले होंगे। प्रधानमंत्री मोदी जब वाशिंगटन के रोनाल्ड रीगन सभाभवन में भारतीय समुदाय को संबोधित करने पहुंचे तो वहा अफ्रीकी-अमरीकी गायिका और नायिका मेरी ज्यूरी बिलमेन ने भारत का राष्ट्रगान गा कर सबको अभिभूत कर दिया। उनके राष्ट्रगान गाने के बाद मोदी उनकी तरफ बढ़े बधाई देने और आभार ज्ञापन करने तो उस गायिका ने मोदी जी के पैर छू लिए. उनके इस भारतीय संस्कार को देख कर सभा भवन एक बार फिर तालियों से गूँज उठा. भारत माता की जय इ नारे गूँज उठे. बिलमेन वही लोकप्रिय गायिका है जिसने सन 2020 को दिवाली के आसपास अपना एक सुंदर वीडियो जारी किया था, जिसमे वह महान रचनाकार श्रद्धाराम फिल्लौरी का लिखा अमर भजन ‘? जय जगदीश हरे ” गाती दिखाई दे रही है. भारतीय साड़ी पहने हुए बेहद श्रद्धा के साथ भजन गाती इस गायिका को देख कर कोई भी अभिभूत हो जाएगा। मन भक्ति-भाव से भर उठेगा। इस गायिका का साढ़े छह मिंनट का वीडियो यू ट्यूब पर उपलब्ध है. प्रधानमंत्री की अमरीकी यात्रा के दौरान बिलमेन द्वारा ‘ जन-गण मन अधिनायक जय हे’ गायन को मैं सुन नहीं सका था, आज जब यू-ट्यूब पर उसे सुना तो बरबस ही आँखों से अश्रु प्रवाहित होने लगे। एकांत में ही खड़े हो कर राष्ट्रगान सुना और अपने भारतीय होने पर रह-रह कर गर्व करने लगा कि कितनी बड़ी बात है की हमारा राष्ट्रगान कोई विदेशी गा रहा है। एक और वीडियो मैंने कनाडा के बच्चों का भी देखा है, जिसमे लगभग पचास कैनेडियन बच्चे एक समूह में खड़े हो कर ‘? जय जगदीश हरे’ गा रहे है. कुछ अन्य देशो के बच्चे भी हिंदी भजन गाते सुने जा सकते है। मथुरा-वृन्दावन में अनेक विदेशी और उनके बच्चे हरे रमा हरे कृष्णा, राधे-राधे बोलते कृष्ण भक्ति में लीन नजऱ आते है। इन सबको देख कर किसी भी राष्ट्र भक्त का सिर गर्व से तन जाएगा। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि अपने ही देश के कुछ लोग न तो राष्ट्रगान का सम्मान करते हैं, न अपनी सनातन परम्परा का सम्मान ही करते हैं. प्रधानमंत्री ने गत महीने जब पापुआ न्यू गिनी का दौरा किया था, तो वहां के राष्ट्रपति ने भी उनके चरण छू लिए थे.ऐसे दृश्य देख कर गर्व होना चाहिए की हम उस देश के वासी हैं, जिस देश के प्रधानमंत्री के सामने दुनिया सर झुका रही है. उसी समय आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने मोदी की तारीफ़ करते हुए कहा था, ”मोदी इज़ द बॉस’. मैं कोई भाजपा का समर्थक नहीं हूँ लेकिन जब विश्व में भारत का सम्मान देखता हूँ तो अपने भारतीय होने पर गर्व का अनुभव करता हूँ। कुछ लोग जो मोदी से बेशक चिढते हैं, वे मोदी को मिले सम्मान से विचलित हो जाते हैं। वे इस बात को बिलकुल ही भूल जाते हैं कि यह सम्मान व्यक्ति-मोदी का नहीं, वरन भारत देश का है. कोई व्यक्ति-मोदी के सामने नहीं झुक रहा, वह भारत देश के सामने झुक रहा है। इसमें दो राय नहीं कि पिछले कुछ वर्षों में भारत की ताकत बढ़ी है और दुनिया भारत का लोहा मनाने लगे है। अनेक ताकतवर देश भारत के नजदीक आ रहे है। यह देख कर भारत से बहुत पीछे रह गया देश पकिस्तान आतंकवाद के जरिए भारत को परेशान करने में लगा रहता है, वहीं चीन जैसा विकसित मगर अतिक्रमणवादी देश विचलित हो जाता है.दुर्भाग्य की बात यह है कि भारत में ही एक ऐसा गद्दार वर्ग भी पैदा हो गया है जो देश को तोडऩे की बाद भी करता है। भारत तेरे टुकड़े होंगे यह नारा पकिस्तान में नहीं, देश की राजधानी दिल्ली में लगा था, वह भी एक विश्वविद्यालय परिसर में ! नि:सन्देह कुछ वर्षो में भारत वैश्विक स्तर पर मजबूत हुआ है. स्वाभाविक तौर पर प्रधानमंत्री भी लोकप्रिय हुए हैं इसलिए विपक्ष की बेचैनी बढ़ रही है कि पता नहीं अगले साल हम पहले की तरह सत्ता की मलाई खा सकेंगे या नहीं। लेकिन यह देश की जनता तय करेगी कि किसे बिठाए, किसी बाहर कर दे. उस पर मैं नहीं जाने वाला, मैं तो केवल इस बात से अभिभूत हो जाता हूँ कि मेरे देश के राष्ट्रगान को विदेशी महिला गा रही है, विदेशी बच्चे हमारा भजन गा रहे है मगर दुखी भी होता हूँ कि अपने ही देश में एक वर्ग ऐसा है जो भारत माता की जय या वन्देमातरम भी नहीं बोलना चाहता। राष्ट्रगान के दौरान उसे खड़े होने में भी बड़ी तकलीफ होती है।