Home इन दिनों उप मुख्यमंत्री पद और टीएस सिंहदेव

उप मुख्यमंत्री पद और टीएस सिंहदेव

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राजनीति में कब क्या होगा कहना सहज नहीं, यह जानते हुए अपनी जमीनी हकीकत को देर से ही सही, अब कांग्रेस नेतृत्व आलाकमान सच के करीब पहुंचती नजर आने लगी। प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कई बार सरकार और संगठन ने बैठक की। इन बैठकों में बढ़-चढ़कर सरकार के कार्यों के बल पर पूर्व की 72 से भी अधिक सीटों की जीत जैसे दावों के साथ चुनाव में कांटे के संघर्ष की बात भी मैराथन बैठक में प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा के सामने आई। हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े व आलाकमान राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा की उपस्थिति में प्रदेश सरकार व संगठन से जुड़े वरिष्ठ नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक आगामी चुनाव की रूपरेखा तय करने के लिए आहूत की गई। इस बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सहित मंत्री मोहम्मद अकबर, ताम्रध्वज साहू, शिव डहरिया, कवासी लखमा, जयसिंह अग्रवाल के अतिरिक्त विजय जांगिड़, सप्तगिरि शंकर उल्का, चंदन यादव उपस्थित थे। इस मैराथन बैठक का जो परिणाम देर रात को आया वह अंत भला तो सब भला की तरह सत्ता, संगठन और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर सभी को खुश करने जैसा था। बैठक में उद्घोषणा की गई कि प्रदेश के प्रथम डिप्टी सीएम (उपमुख्यमंत्री) पद पर टी एस सिंहदेव की नियुक्ति की जाती है। आगामी विधानसभा चुनाव में सामूहिक नेतृत्व आपसी मनमुटाव और सरकार तथा संगठन से लेकर वरिष्ठ मंत्रियों के बीच बढ़ती दूरियों को कम करने की दिशा में प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा के मार्गदर्शन में निश्चय ही यह सराहनीय कदम है। उनके इस निर्णय और आलाकमान की स्वीकृति देर आए दुरुस्त आए की तरह है। इसीलिए अपनी त्वरित टिप्पणी में हमारे इस आलेख का शीर्षक सच के करीब पहुंचती कांग्रेस है। रात गई बात गई की तर्ज पर सरकार से लेकर संगठन के लोगों ने’ दिल मिले या ना मिले हाथ मिलाये रहिए’ के साथ सामूहिक नेतृत्व में मतभेद भुलाकर आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सहित सभी विपक्षियों के साथ इस कड़े मुकाबले में बहुमत से दूसरी बार सरकार बनाने का संकल्प लिया। जहां तक टीएस सिंह देव को लंबी प्रतीक्षा के बाद उपमुख्यमंत्री पद पर नवाजे जाने की बात है इसको लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया सरगुजा संभाग से लेकर पूरे प्रदेश से आ रही है। सिंहदेव जी के लिए सरकार संगठन और पार्टी आलाकमान के इस आदेश को अनुशासित कांग्रेसी कार्यकर्ता की तरह स्वीकार कर लेने से निश्चय ही उनका कद बढ़ा है। वैसे उनके अधिकांश प्रशंसक और शुभचिंतक इतने विलंब से आलाकमान द्वारा लिए गए निर्णय को चुनावी लॉलीपॉप की संज्ञा देते हुए भी सुने जा रहे हैं। इधर समर्थकों का यह भी मानना है कि संभव है सभी तरह की सूचना मिलने के बाद आलाकमान को लगा कि सिंहदेव साहब की अनदेखी कर चुनाव जीतना आसान नहीं होगा।