कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आखिरकार बदल दिए गए। मोहन मरकाम के स्थान पर बस्तर के सांसद दीपक बैज को प्रदेश का नया कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया है। वैसे तो इस बात की अटकलें पहले से लगाई जा रही थी कि मोहन मरकाम की बदला जाएगा लेकिन पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित बैठक में जब टी एस सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री बनाने के निर्णय के साथ अध्यक्ष का फैसला नहीं हुआ तो लगा विधानसभा चुनाव तक मोहन मरकाम को प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखा जाएगा। अब अचानक दीपक बैज के मान की घोषणा कर दी गई। अध्यक्ष बदलने के निर्णय से केंद्रीय संगठन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बात पर मुहर लगा दी है। इस बात की चर्चा तो साल भर पहले से चल रही थी कि मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के बीच पटरी बैठ नहीं रही है। पूर्व प्रदेश प्रभारी की उपस्थिति में संगठन और सत्ता के बीच तालमेल के अभाव को लेकर बहस भी हो गई थी। मुख्यमंत्री बैठक के बीच में चले गए थे। इसके बाद लगातार मोहन मरकाम ने संगठन पर मुख्यमंत्री को हावी होने नहीं दिया। प्रदेश महामंत्री प्रभारी चंद्रशेखर शुक्ला को अचानक हटाकर अमरजीत चावला को प्रभार सौंप दिया था, इस निर्णय से भी संगठन की गुटबाजी को हवा मिली। मुख्यमंत्री सहित कई नेता प्रदेशाध्यक्ष के निर्णय से खुश नहीं थे। जब ढ़ाई ढ़ाई साल का प्रकरण चल रहा था, विधायक भूपेश बघेल का समर्थन दिल्ली जा रहे थे तब भीमोहन मरकाम ने अपने को तटस्थ रखते हुए दिल्ली नहीं गए थे। जब कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन हुआ था उस समय भी समितियों की सूची को लेकर मतभेद उभरे थे। पिछले दिनों मोहन मरकाम ने संभागीय प्रभारियों की नियुक्ति कर दी थी जिसे प्रदेश प्रभारी शैलजा ने खारिज कर दिया। प्रदेश प्रभारी ने संगठन महामंत्री अमरजीत चावला के स्थान पर रवि घोष को प्रभारी महामंत्री बनाने का निर्णय लिया। लेकिन प्रभारी के आदेश को प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने खारिज कर दिया था। तब से मोहन मरकाम के अध्यक्ष की कुर्सी पर तलवार लटक रही थी। हालांकि मोहन मरकाम के अध्यक्ष पद का कार्यकाल समाप्त हो चुका था लेकिन चुनाव करीब होने के कारण लग रहा था, वे बदले नहीं जायेंगे। अब मोहन मरकाम को हटाएंजने के बाद कांग्रेस संगठन में फिर मतभेद बढ़ेंगे। स्ववभाविक तौर पर नए अध्यक्ष मोहन मरकाम को टीम को बदलना चाहेंगे। ऐसा हुआ तो नेताओं के घटक में नाराजगी बढ़ेगी। चुनावके पहले बस्तर संभाग में कांग्रेस का एक और मरकाम गुट तैयार हो गया है। नाराज मोहन मरकाम कोंडागांव से अपना विधानसभा चुनाव लडेंगे तो इस पर भी गुटबाजी का असर हो सकता है।