रायपुर/कोरिया/राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ में आई फ्लू तेजी से पैर पसार रहा है। पिछले एक सप्ताह में ही प्रदेशभर से आई प्लू के 19 हजार मरीज मिले हैं। इस संबंध में शासन स्तर पर भी अलर्ट जारी किया गया है। रायपुर सीएम निवास में आई फ्लू को लेकर आपात बैठक चल रही है। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव भी मौजूद हैं। आई फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। मैदानी स्तर पर आई फ्लू से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
दुर्ग में आई फ्लू के 1353 मरीज मिले हैं। बस्तर में भी यह आंकड़ा 1200 के पार पहुंच चुका है। वहीं कवर्धा और बिलासपुर जिले में 500 से ज्यादा मरीज संक्रमित हैं। राजनांदगांव में आई फ्लू के मरीजों की संख्या 380 हो गई है। कांकेर जिले में 30 मरीज, सरगुजा में 120 मरीज पाए गए हैं। आई फ्लू से संक्रमित सभी मरीज बच्चे हैं। कवर्धा के पंडरिया में करीब 10 बच्चे आई फ्लू से प्रभावित हैं। कवर्धा के कोलेगांव में करीब 150 बच्चों को आई फ्लू का संक्रमण हुआ है। कोरिया जिले में आई फ्लू संक्रमितों की बात करें, तो अब तक टोटल 67 मरीज मिले हैं। जिसमें सोनहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 5, बैकुंठपुर जिला हॉस्पिटल से 45 और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना से 17 मरीजों की पुष्टि हुई है। सभी संक्रमितों का उपचार स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में जारी है। प्रदेश के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आई फ्लू की एंटीबायोटिक दवा उपलब्ध कराई गई है।
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से स्कूलों में भी बच्चों की आंखों की जांच की जा रही है। स्कूलों में डॉक्टरों द्वारा सभी बच्चों को आई फ्लू से बचाव के उपाय और इलाज के बरे में बताया जा रहा है।
आई फ्लू एक कंडक्टेड फ्लू है। यह एक तरह का वायरस है। इससे आंखें लाल हो जाती है और आंखों में जलन के साथ खुजली होने लगती है। इससे डरने की जरूरत नहीं है। इसका इलाज हो जाता है। अगर आपको लगता है कि आपकी आंखों में किसी प्रकार की जलन या खुजलाहट हो रही है। तो तुरंत नेत्र चिकित्सालय पहुंचकर डॉक्टर को दिखाएं और उसका इलाज कराएं। अब तक इस बीमारी से किसी प्रकार का किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। जिनका जिनका इलाज हो रहा है, वह स्वस्थ हो जा रहे हैं।