रायपुर । छत्तीसगढ़ में बीजेपी शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर सरकार को घेर रही है। बीजेपी के मुताबिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में जमकर धांधली की गई है।अपने चहेतों का सिलेक्शन कराने के लिए नियम बदल दिए गए। जिन विषयों के अभ्यर्थी नहीं हैं। उनसे भी परीक्षा दिलवाई गई।वहीं जब परिणाम घोषित हुए तो नियमों में संशोधन कर दिया गया।किसी भी राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।लेकिन बीजेपी के इन आरोपों का कांग्रेस ने एक सिरे से खंडन किया है।
शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है।धनंजय सिंह ठाकुर के मुताबिक शिक्षक भर्ती घोटाला की बात कहने वाली बीजेपी गलत आरोप लगा रही है।क्योंकि अभी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।और जब भर्ती ही नहीं हुई तो घोटाला कैसा।
धनंजय ठाकुर ने कहा शिक्षक भर्ती परीक्षा में घोटाला नहीं हुआ है।क्योंकि इस परीक्षा की भर्ती अभी तक चल रही है।ऐसे में जब तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती ऐसे आरोप लगाना निरर्थक है।बीजेपी दिन में सपने देखती है और फिर गलत आरोप लगाती है।वहीं शाम में जब कांग्रेस तथ्यों के साथ बीजेपी के गलत आरोपों का जवाब देती है तो बोलती बंद हो जाती है।
क्या हैं बीजेपी के आरोप : बीजेपी सरगुजा प्रभारी संजय श्रीवास्तव की माने तो प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बस्तर और सरगुजा संभाग के युवाओं को भर्ती के नियमों की छूट का लाभ नहीं दिया गया। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के लिए 12।489 शिक्षकों की भर्ती के लिए 4 मई 2023 को विज्ञापन निकाला गया। यह विज्ञापन बस्तर और सरगुजा के लिए निकला था। इन भर्ती परीक्षाओं के विषयों को समाप्त कर दिया गया। इस तरह विज्ञान विषय के लिए कला संकाय का अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकता था।जब विज्ञापन जारी हुआ तब इस तरह का कोई व्यवस्था या नियम नहीं था कि विषय की बाध्यता समाप्त कर दी जाए।सरकार इस तरह युवाओं के साथ खेल कर रही है।
संजय श्रीवास्तव ने कहा 12,489 पदों के लिए परीक्षाएं 10 जून को हुई और 2 जुलाई को परीक्षा परिणाम घोषित हुए तब तक विषय वार व्यवस्था थी। लेकिन 6 जुलाई को मंत्रिपरिषद ने विषयवार व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय लिया। ऐसा यह पहली बार हुआ यह निर्णय 11 जुलाई को राजपत्र में प्रकाशित हुआ। जब यह परीक्षा हुई उसमें 1,46,176 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए। परिणाम घोषित हुए तो यह संख्या 1,46 275 हो गई। 99 अधिक परीक्षार्थियों का परिणाम घोषित हुआ। आखिर ये 99 परीक्षार्थी कौन है? क्या ये वहीं हैं जो सरकार के चहेते हैं।जिनका चयन होना था।
बीजेपी ने आरोप लगाए हैं कि परीक्षा में जितने प्रश्न पूछे गए थे उसकी तो आंसर शीट घोषित हुई। इसमें 15 से 20 प्रश्नों का उत्तर ही गलत पाया गया। इससे जिस परीक्षार्थी ने प्रश्न पत्र सही हल किया उसे इस आंसर शीट के आधार पर गलत बताकर मूल्यांकन किया गया और परिणाम प्रभावित हुआ। सरकार युवाओं को अवसर नहीं दे पाई, युवाओं को रोजगार नहीं दे पाई, वह सरकार अब पात्र और योग्य अभ्यर्थियों के साथ मजाक कर रही है।