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अब कांग्रेस जी-20 शिखर सम्मेलन से तकलीफ

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भारत को जबसे जी-20 की अध्यक्षता मिली है तबसे विपक्ष के कुछ नेता बहुत परेशान हैं। खासकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश बहुत ज्यादा तकलीफ में नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर वक्तव्य, हर उपलब्धि, हर फैसले और हर नीति पर कटाक्ष करने से नहीं चूकने वाले जयराम रमेश मोदी विरोध में कभी कभी बहुत आगे निकल जाते हैं। जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर आजादी के अमृत काल को देश ने धूमधाम से मनाया लेकिन जयराम रमेश ने अमृत काल को अमरूद काल बता दिया। भारत को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने की बात कही गयी तो जयराम रमेश ने कह दिया कि इसमें सरकार को क्या करना है, भारत अपने आप ही तीसरी अर्थव्यवस्था बन जायेगा। देखा जाये तो भारत की हर कामयाबी को कम करके आंकने और भारत की हर उपलब्धि का श्रेय गांधी परिवार को देने के लिए जयराम रमेश इतने आतुर रहते हैं कि उन्होंने कांग्रेस में बड़े से बड़े नेताओं को पीछे छोड़ दिया है। अब जयराम रमेश के निशाने पर जी-20 शिखर सम्मेलन है। शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आने वाले विश्व नेताओं की आवभगत के लिए जो प्रबंध किये जा रहे हैं उससे भारत के आतिथ्य सत्कार का ही गुणगान विश्व भर में होने वाला है। लेकिन जयराम रमेश इस सबसे बहुत चिंतित हैं क्योंकि उन्हें यह अच्छा नहीं लगेगा कि शानदार आयोजन के लिए विश्व नेता मोदी की पीठ थपथपाएं। जयराम रमेश को लग रहा है कि मोदी इस सबका फायदा चुनावों में ले लेंगे। जयराम रमेश को लगता है कि मोदी को चुनावों में जी-20 का फायदा मिला तो वह कहीं फिर से प्रधानमंत्री ना बन जायें। दरअसल जयराम रमेश के इस पूरे डर के पीछे कारण यह है कि उनका खुद का कॅरियर दांव पर लगा हुआ है। जयराम रमेश जानते हैं कि यदि 2024 में कांग्रेस फिर चुनाव हारी तो सबसे पहले पार्टी के नेता उन पर ही गाज गिरायेंगे इसलिए वह हर रोज कोई ना कोई मुद्दा निकाल कर लाते हैं और प्रयास करते हैं कि इससे मोदी विरोध को हवा दी जा सके। जहां तक जी-20 के आयोजन से चुनावी लाभ होने की बात है तो जयराम रमेश को अपनी चिंता दूर करनी चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए कि जी-20 के विभिन्न समूहों की बैठकें देशभर में आयोजित की गयीं। जिस भी शहर में यह बैठकें हुईं वहां की राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने मेहमानों की आवभगत में पलक-पांवड़े बिछा दिये और बैठक को हर मायने में सफल बनाया। जी-20 समूहों की बैठकों को सफल बनाने में कांग्रेस शासित राज्य भी पीछे नहीं रहे। इसलिए सवाल उठता है कि बैठक के सफल होने का फायदा वहां सत्ता में मौजूद पार्टी को मिला या देश को? कश्मीर में जी-20 पर्यटन समूह की सफल बैठक हुई। इसका फायदा कश्मीर को मिला या प्रधानमंत्री मोदी को?