बेमेतरा। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने दावा किया कि पूरे हिंदुस्तान में शासकीय रूप से धान की खरीदी सिर्फ छत्तीसगढ़ में की जाती है। प्रदेश में सरकार एजेंसी बनाकर किसानों का धान खरीदती है।
चौबे ने कहा कि पंजाब में भी धान खरीदी होती है, लेकिन मिडिल मैन के जरिए वहां धान की खरीदी होती है। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ना सिर्फ खुद किसानों से धान खरीदती है बल्कि राजीव गांधी न्याय योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ 9 हजार रुपये भी किसानों को देती है। इसे जोड़ लिया जाए तो किसानों को एमएसपी के अलावा इनपुट सब्सिडी की जो राशि छत्तीसगढ़ में मिलती है उतनी पूरे देश में कहीं नहीं मिलती।
रविन्द्र चौबे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की सरकार धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार से 1 रुपया भी नहीं लेती है। यदि केंद्र की सरकार छत्तीसगढ़ सरकार को धान खरीदी के लिए पैसे देती तो प्रदेश सरकार बैंकों से कर्ज ही क्यों लेती?
रविंद्र चौबे ने कहा हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि पिछले वर्ष के चावल जमा की राशि 6 हजार करोड़ रुपये लेना बकाया है। कोयले की रॉयल्टी, माइनिंग का शेष, जीएसटी की अधूरी राशि इन सभी को जोड़कर केंद्र सरकार की जो छत्तीसगढ़ सरकार को देय राशि है वो 36 हजार करोड़ से ज्यादा है। हमारी खनिज की जो राशि केंद्र को जाती है उस राशि को पॉपुलेशन के हिसाब से केंद्र सरकार दे दें। केंद्र आखिर वह राशि नहीं दे रही, इसीलिए प्रश्न चिन्ह लगता है।