रायपुर। 2023 विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के तहत 20 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। अब शेष 70 विस सीटों पर 17 नवंबर को वोटिंग होगी। इस बार छत्तीसगढ़ का पूरा चुनाव वादों के इर्द गिर्द घूम रहा है और चुनाव नतीजा इस बात पर निर्भर करेगा कि जनता किसके वादों पर भरोसा करती है और किसके वादे उसे ज्यादा लुभाते हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों की बीच ही यहां वादों की जंग हैं। दोनों पार्टियों ने लगभग एक जैसे वादे किए हैं लेकिन टक्कर कांग्रेस के कर्ज माफी और फ्री बिजली के दांव और बीजेपी के विवाहित महिलाओं को हर साल 12 हजार रुपये देने के वादे के बीच है।
कांग्रेस ने किसानों से कर्ज माफी का वादा किया है साथ ही ऐलान किया है सरकार बनने पर महिला स्वसहायता समूह का भी कर्जा माफ किया जाएगा। दूसरी ओर बीजेपी ने हर विवाहित महिला को 12 हजार रुपये सालाना का वादा किया है। चुनाव का नतीजा इस पर निर्भर करेगा कि लोग कर्जमाफी पर दांव लगाते हैं या फिर महिलाओं को सालाना आर्थिक मदद पर।
भाजपा ने महतारी वंदन योजना लाने की घोषणा की है। महिला सशक्तीकरण के लिए लाई जा रही इस योजना के तहत भाजपा प्रदेश की 60 लाख से अधिक विवाहित महिलाओं को हर वर्ष 12 हजार रुपये देगी। इस पर भाजपा हर साल 7,200 करोड़ रुपये खर्च करेगी। भाजपा के दावा के अनुसार यह योजना पूरे पांच वर्ष चलेगी। ऐसे में पांच साल में 36,000 करोड़ रुपये सिर्फ महिलाओं को मिलेगा।
जबकि कांग्रेस ने भी महिला स्व सहायता समूहों की कर्ज माफी का वादा किया है। जानकारी के अनुसार 31 जनवरी 2023 की स्थिति में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 2,51,673 महिला स्व सहायता समूह गठित हैं। इनमें 27,14,513 महिलाएं हैं। इसमें 1,39,345 समूहों पर 135672.49 लाख यानी 1356 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया बैंक ऋण है।
दोनों ही पार्टियों की महिलाओं को लेकर किए गए वायदे को देखें तो सत्ताधारी कांग्रेस पर बीजेपी भारी पड़ती नजर आ रही है। क्योंकि कांग्रेस जहां 27 लाख 14 हजार 513 महिलाओं को लाभ पहुंचा रही है और सिर्फ 1356 करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर रही है तो वहीं बीजेपी प्रदेश की 60 लाख महिलाओं को हर महीने 1000 हजार रुपए देगी। इस हिसाब से पूरे पांच साल में प्रति महिला को 12 हजार रुपए की मान से 60 लाख से अधिक महिलाओं को 36 हजार करोड़ रुपए देगी।
2018 में कांग्रेस ने शराबबंदी का किया था। महिलाओं ने कांग्रेस पर भरोसा भी किया था, लेकिन पूरे सालों में शराबबंदी कांग्रेस नहीं कर पायी। ऐसे में महिलाओं का कांग्रेस द्वारा भरोसा जीत पाना कठिन है। ऐसे में यह बात भाजपा की पक्ष में जाती हुई दिख रही है। प्रदेश की 60 लाख से भी अधिक महिलाएं सत्ता का रूख बदलने की क्षमता भी रखते हैं। हालांकि घोषणा पत्र के आधार पर किसका पलड़ा भारी पड़ेगा, यह कहना अभी मुश्किल है।