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भ्रष्ट अफसर बचे नहीं

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छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद अनेक अफसरों की बल्ले- बल्ले होती रही है। उन्हें लगा था कि अब तो हमें लूट का लाइसेंस मिल गया है। दुर्भाग्य से इस देश में आईएएस- आईपीएस की एक बड़ी लाबी सिर्फ इसलिए इस नौकरी को चुनती है कि इसमें लूट की भरपूर गुंजाइश है । ईमानदारो की संख्या बहुत कम है। बेईमानों की भरमार है । एक बार आईएएस आईपीएस बन जाने के बाद बहुत कम ऐसे मामले होते हैं, जिसमें ये लोग बर्खास्त होते हैं। जब पानी सर से ऊपर चला जाता है तो बर्खास्त भी होते हैं । लेकिन ज्यादातर मामलों में इनकी केवल जांच होती है और ये अंतत: बच निकलते हैं। इसलिए बहुत जरूरी है की इन पर अंकुश लगना चाहिए । और यह अंकुश राज्य सरकार लगा सकती है। अभी उच्च पद पर बैठे अफसरों को बर्खास्त करने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है। हां,इनका तबादला कर सकते हैं उनकी अवनति, पदोन्नति कर सकते हैं ,लेकिन बर्खास्त केंद्र की अनुशंसा के बाद ही किया जा सकता है। अगर भविष्य में कानून बदल जाए और राज्य सरकार को भ्रष्टाचारी अफसरों को बर्खास्त करने का अधिकार मिल जाए, तो मुझे लगता है, ये जो अकड़-अकड़ कर चलने वाले अफसर हैं, उनकी रीढ़ की हड्डी टूटेगी । वे मनुष्य बनकर नौकरी करेंगे अभी ये किसी शहंशाह की तरह जीवन जीने की कोशिश करते हैं और हालात ये है कि अपने कार्यकाल में यह अरबों के आसामी बन जाते हैं । इसलिए तो जब कभी उनके घर पर छापा पड़ता है तो करोड़ों की दौलत प्राप्त होती है । पता चलता है किसी का बड़ा फार्म हाउस है ,किसी ने होटल बनवा लिया है, किसी ने अनेक घर खरीद लिए हैं।हम यह भूल नहीं सकते कि छत्तीसगढ़ के एक भ्रष्ट आईएएस अफसर के ऐसे अनेक बैंक खाते मिले थे जो गांव के सीधे-साधे ग्रामीणों के नाम पर खोले गए थे । अनेक अफसर की बेनामी संपत्ति का पता चलता रहता है । अब छत्तीसगढ़ में भाजपा की नई सरकार काबिज हुई है,तो हमारे जैसे अनेक लोग इस बात की अपेक्षा करते हैं कि भ्रष्टाचार के जितने मामलों में भी पूर्व में अफसर लिप्त पाए गए हैं, जल्द से जल्द उन पर कार्रवाई हो। और जो दोषी पाए गए हैं उनको बर्खास्त करने की अनुशंसा राज्य सरकार केंद्र को भेजे। अगर ऐसा हो सका तो मुझे क्या, सभी को पूरी उम्मीद है कि वर्तमान में जो अफसर काम कर रहे हैं, वे ईमानदारी से काम करेंगे। भ्रष्टाचार से तौबा करेंगे। अभी तो हालत यह है कि कोई अफसर शराब व्यापारियों से साठगांठ किये रहता है, कोई किसी बिल्डर के साथ धंधा कर रहा है । कहने का मतलब यह है कि अपनी अफ़सरी की आड़ में अनेक अफसर भ्रष्टाचार की गटर गंगा में डुबकी लगाते रहते हैं ।अभी कुछ अफसर जेल में है, जिन्होंने नाकाबिलेबर्दाश्त भ्रष्टाचार किया है । इनको कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। कांग्रेस की सरकार के समय अनेक अफसर भ्रष्टाचार की नाली में डूबे रहे । छत्तीसगढ़ की ही बात नहीं , देश में अनेक अफसर अपने पद का फायदा उठाकर भ्रष्टाचार करते हैं । ये मंत्रियों को अपने बस में कर लेते हैं ।उन्हें खुश करने की कोशिश करते हैं । मुझे उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ का कोई भाजपाई मंत्री इनके बहकावे में नहीं आएगा और अफसर को टाइट करके रखेगा। हमारे जनप्रतिथियों को भी यह समझना चाहिए कि अफसर एक नौकरशाह है। सरकारी नौकर है ।वह व्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाने के लिए नियुक्त एक अधिकारी है ।वह भाग्य विधाता नहीं है । उसके इशारे पर सिस्टम न चले , वरन लोकतांत्रिक सिस्टम के इशारे पर अफसर चले । अगर ऐसा हो सका, तभी छत्तीसगढ़ क्या, पूरे देश का सही मायने में ईमानदारी के साथ विकास होगा।