Home मेरी बात कनाडा सरकार के विरुद्ध भारत के लोग प्रदर्शन करें !

कनाडा सरकार के विरुद्ध भारत के लोग प्रदर्शन करें !

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भारत देश में कुछ राजनीतिक विचारधारा के लोग वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बुरी कदर खार खाए हुए हैं कि उनके विरुद्ध देश के बाहर कहीं भी होने वाली गतिविधि को वे हाथों-हाथ लेते हैं और बड़े प्रसन्न होकर उसे वायरल करने की कोशिश भी करते हैं। जैसे अभी हाल ही में कनाडा के टोरंटो शहर में कुछ खालिस्तान समर्थक सिखों ने 7 मई को एक बड़ा जुलूस निकाला और उस जुलूस में पीएम नरेंद्र मोदी के पुतले को जेल में कैद दिखाया गया। उनके खिलाफ आपत्तिजनक नारे भी लगाए गए। वह वीडियो जैसे ही वायरल हुआ तो उसे मोदी विरोधियों ने लपक लिया, और बड़े उत्साह के साथ एक दूसरे को भेजना शुरू कर दिया । एक महानुभाव ने वीडियो मुझे भी भेजा। इस भ्रम में कि मैं भी मोदी का विरोधी हूँ। अगर नहीं हूँ, तो हो जाऊं। लेकिन मैं मोदी भक्त नहीं, कट्टर देशभक्त हूं । मोदी से मेरी असहमति रहती भी है, भविष्य में भी रहेगी। लेकिन मैं अपने प्रधानमंत्री का इस तरफ से अपमान नहीं देख सकता। बेशक कुछ मामले में जरूर मोदी जी से मेरी नाराजगी है ।लेकिन अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में जब मैं अपने प्रधानमंत्री को देखता हूं तो मुझे गर्व होता है कि आजादी के सात दशक साल बाद हमें ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो दूसरे राष्ट्राध्यक्षों के साथ आंख से आंख मिलाकर बात तो करता है। उसके स्वर में दीनता, हीनता कायरता नहीं, वरन ज़बरदस्त आत्मविश्वास और स्वाभिमान दिखाई देता है । वह गर्व के साथ सबसे हिंदी में बात करते हैं। ऐसा नहीं है कि उन्हें अंग्रेजी नहीं आती। बहुत अच्छी अंग्रेजी आती है लेकिन वह राष्ट्रभाषा का सम्मान करते हैं इसलिए हिंदी में बात करना पसन्द करते हैं। किसी भी राष्ट्राध्यक्ष से वह लपक कर गले मिलते हैं । कुछ तो उनके पैर भी छूते हैं इसलिए मुझे मेरा प्रधानमंत्री पसंद है। निसंदेह वे महंगाई पर नियंत्रण नहीं कर सके। उनके बहुत सारे वादे भी अधूरे रहे। काला धन वापस नहीं आ सका। लेकिन इस दिशा में उनके प्रयास जारी थे । सफलता भले न मिली हो। तो कुछ मामले में मोदी विफल भी हुए हैं लेकिन समग्रता में अगर हम देखें तो उनके नेतृत्व में यह देश वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सका है ।और आज महाशक्तियों की कतार में भारत देश अग्रणी है। भारत की बढ़ती ताकत देख कर कुछ अराजकवादी तत्व कनाडा में एकजुट हो रहे हैं। और वहाँ खालिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। भारत देश में तो वे ऐसा कर ही नहीं सकते थे । दुर्भाग्य की बात है कि यह सब कनाडा सरकार की नाक के नीचे हुआ।वहाँ खालिस्तानी आंदोलन पनप रहा है, इसलिए भारत को इस प्रदर्शन का कड़ा प्रतिवाद करते रहना चाहिए। हालांकि भारत ने प्रतिवाद करते हुए कनाडा सरकार को पत्र भेजकर अलगाववादियों को महत्व देने के लिए आपत्ति भी व्यक्त की है कि एक देश के प्रधानमंत्री का वहां सार्वजनिक रूप से अपमान आपत्तिजनक है । इस अपमान के विरुद्ध में भारत देश में भी न केवल भारतीय जनता पार्टी को , वरन सामान्य नागरिक संगठनों को भी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना चाहिए। यह प्रदर्शन कनाडा सरकार के विरुद्ध हो। मैं तो कहता हूं सभी दल के लोग एकजुट होकर के इस बात के लिए प्रदर्शन करें कि उनके देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ में इतना गंदा प्रदर्शन क्यों हुआ। उनके पुतले को जेल में हथकडिय़ों में कैद दिखाया गया। उनके मुर्दाबाद के नारे लगे। एक डेढ़ वर्ष पहले तो भारत में भी कुछ महिलाओं ने मोदी तेरी कब्र खुदेगी के नारे लगाए थे । हालांकि यह बात गलत है कि 10 मई को जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिली, उस खुशी में कनाडा में जुलूस निकला। इस तरह केजरीवाल का खालिस्तानियों के साथ रिश्ता बताने की कोशिश की गई। जबकि बात ऐसी नहीं है। यह प्रदर्शन सिखों का प्रदर्शन खाली स्थानीय सिखों ने 7 मई को खालसा दिवस मनाते हुए किया था। केजरीवाल को जमानत मिली थी 10 मई को। उम्मीद की जानी चाहिए कि भारत के प्रधानमंत्री के विरुद्ध कनाडा में हुए अपमानजनक प्रदर्शन का विरोध भारत में राष्ट्रव्यापी तरीके से ज़रूर होगा।