Home बाबू भैया की कलम से सोशल मीडिया: ईश्वर के निर्देश पर भारत में हुआ “कल्कि अवतार”

सोशल मीडिया: ईश्वर के निर्देश पर भारत में हुआ “कल्कि अवतार”

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जैसे जैसे 4 जून मतगणना का समय नजदीक आ रहा है,सोशल मीडिया में पोस्ट की भीड़ तेजी से बढ़ती ही जा रही है। एक वर्ग भाजपा की कही भी बात नहीं कर रहे बल्कि नरेंद्र मोदी व उनके गठबंधन को 400 से ऊपर पहुंच रहा है। वह भी बड़ी ही सफलता के साथ इस बार 400 निश्चित पार का टॉरगेट पूरा होता दिखा रहे हैं। मानों राजनैतिक दल बेमानी हो गए हो और यह संकेत दे रहे हैं मानों व्यक्तिवाद का युग आ गया हो,या आ रहा हो। इस वर्ग की सोच को कोई दोष नहीं दे सकता क्योंकि देश में हवा ही इस तरह की चलाई गई है कि मोदी है तो मुमकिन है अन्यथा कुछ नहीं है। इंडिया और मोदी समर्थकों का अपना अपना एजेंडा तय है। प्रोपेगेंडा में हर तरफ 2024 के आम चुनाव में सिर्फ मोदी ही मोदी मौजूद हैं उसके सिवाय कोई नहीं। यह सच भी है कि यदि मोदी को कम कर दिया जाए तो भाजपा की वर्तमान राजनीति में कोई दूसरा तैयार खड़ा है, ऐसा दूर दूर तक दिखाई नहीं पड़ता है। यही कारण है कि भाजपा की केंद्र की सरकार अब मोदी की सरकार में परिवर्तित हो चुकी है। दूसरा नेतृत्व भाजपा में फिलहाल तो दिखाई नहीं दे रहा है। केजरीवाल ने इस भाजपाई तूफान के बीच तुक्का छोड़ दिया कि मोदी चुनाव जीतने के बाद अमित शाह को प्रधान मंन्त्री बनाएंगें। उधर जरूर किसी सोची समझी रणनीति की तहत ही राहुल गांधी ने यही बात आगे बढ़ाई। कहा कि अब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगें। सरकार में दूसरे नम्बर के नेता अमित शाह को इसके पीछे की राजनीति समझ में आ गई। उन्होंने झट से बयान दे डाला कि नरेंद्र भाई 2029 तक प्रधान मंन्त्री का अपना तीसरा कार्यकाल पूरा करेंगें। वैसे भी इस दल के नेताओं के बयान में सत्ता 2047 तक छोडऩे की मंशा दिखाई नहीं देती। तभी तो कहते हैं कि 2047 तक हम भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बना देंगें। 75साल में रिटायरमेंट की बात अब कोई नहीं कर रहा।
इस बार चुनाव कुछ अलग ही स्वरूप में हो रहे हैं। बयानवीरों का मुद्दों से ज्यादा ध्यान शब्दों व घटनाओं पर केंद्रित हो गया है। ‘मंगलसूत्र, ‘भैंस खोलनेÓ, ‘मुजराÓ, ‘जायदाद लूटकर बांट देनेÓ, ‘आरक्षण लूट कर दूसरो को बांट देनेÓ, ‘ईश्वर के अवतारÓ जैसी बहुत सी नई नई बातें सामने आ रहीं है,जो ना कभी देखी ना सुनी। ये सब भी राजनीति के मुद्दे बन सकते हैं ,वो भी प्रधान मंन्त्री के द्वारा बनाए जाएंगे कभी किसी ने सोचा नहीं होगा। ये वर्तमान राजनीति में हो रहा है। सोशल मीडिया तो एक नहीं कई कदम आगे भाग रही है। यहां भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस को भी राजनीति में कुदा दिया गया है। उसकी भविष्यवाणी के हिसाब से मोदी जी को अवतार व महान बताने का प्रयास किया गया है। कहा गया है कि ‘तीन ओर घिरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा,जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा उसकी प्रशंसा व प्रसिद्धि सत्ता और शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा शक्तिशाली कोई ना होगाÓ यह पोस्ट बकायदा प्रमाण सहित लिखी गई है। बताया गया हैं कि यह सेंचुरी 1- का 50 वां सूत्र के अनुसार लिखा गया है। अब सोचिये किसको ये पोस्ट करने वाले ऐसा अद्भुत नेता बता रहे हैं। और भी बहुत सी भविष्य वाणी नास्त्रेदमस के नाम पर प्रदर्शित कर इशारा प्रधानमंत्री की ओर किया जा रहा है। समर्थकों ने सोशल मीडिया में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।सोशल मीडिया के अनुसार अब तो दुमका झारखंडमें प्रधानमंत्री ने नई बहस छेड दी है। उन्होंने कहा है की रविवार की साप्ताहिक छुट्टी हिंदुओं से जुड़ी नहीं है। यह ईसाई समाज से जुड़ी है। इसका क्या मायने निकाला जाए ,यह अभी तो किसी की समझ में नहीं आ रहा है। लेकिन सोशल मीडिया के बयानवीरों के अनुसार भगवान विष्णु से जुड़े बृहस्पतिवार को यह साप्ताहिक छुट्टी होनी चाहिए यह भी कि ऐसी भविष्यवाणी 500 साल पहले ही नास्त्रेदमस ने कर दी थी। यानी अब संकेत दिया जा रहा है कि भारत में ईश्वर के निर्देश पर काम करने वाला अवतार पैदा हो चुका है,जो देश दुनिया का उद्धार करने, 2047 तक दुनिया बदलने की ताकत बनेगा। बुद्धिजीवी यह सब देख कर कहते हैं कि जो माहौल बनाया जा रहा है ,उससे तो मान लेना चाहिए कि भारतवर्ष में होने वाला ‘कल्कि अवतारÓ अवतरित हो चुका है जो ईश्वर के निर्देश पर काम कर रहा है।