छत्तीसगढ़ भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई ने बड़ा दावा किया है. एजेंसी का दावा है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी ने दिशा-निर्देशों में फेरबदल किया और सीजीपीएससी-2021 परीक्षा के प्रश्नपत्र अपने दो भतीजों के साथ पहले ही शेयर कर दिए थे, जिससे राज्य सेवाओं में उनके चयन में आसानी हो गई.
सीबीआई ने 16 जनवरी को छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग (CGPSC) के कथित परीक्षा घोटाले में अपना पहला आरोपपत्र रायपुर की एक विशेष अदालत में दाखिल किया. इसमें सोनवानी और छह अन्य का नाम शामिल है. यह घोटाला राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान प्रकाश में आया था.
पेपर लीक मामले में सात आरोपी गिरफ्तार
अन्य आरोपियों में सोनवानी के भतीजे नितेश सोनवानी और साहिल सोनवानी, सीजीपीएससी के तत्कालीन उप नियंत्रक परीक्षा ललित गणवीर, श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के निदेशक श्रवण कुमार गोयल, उनके बेटे शशांक गोयल और पुत्रवधू भूमिका कटियार शामिल हैं. सभी सातों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
केंद्रीय एजेंसी ने 2020-2022 की अवधि के दौरान सीजीपीएससी परीक्षाओं के माध्यम से उप जिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक और अन्य वरिष्ठ सरकारी पदों के चयन में कथित पक्षपात को लेकर राज्य में दर्ज दो मामलों की जांच पिछले साल अप्रैल में अपने हाथ में ली थी.
देशभर में पेपर लीक मामले को लेकर मचा बवाल
हालांकि देशभर के अलग-अलग राज्यों में पेपर लीक के मामले सामने आते रहते हैं. जहां छात्रों का विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिलता है. लेकिन इस मामले में सीबीआई के दावे के बाद अब देशभर में भी जांच की मांग तेज सकती है. हाल ही में बिहार में बीपीएससी में पेपर लीक को लेकर मामला तूल पकड़ा और छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान बवाल देखने को मिला.