बांग्लादेश और पाकिस्तान की नजदीकियां बढ़ रही है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश फिर से पाकिस्तान बनने की राह पर निकल चुका है. खुद बांग्लादेश की हरकते भी इसी ओर इशारा करती हैं. बांग्लादेश के कार्यवाहक मंत्री मोहम्मद युनुस के फैसले भी संकेत देते हैं कि दोनों देश की नजदीकियां काफी बढ़ रही है. हालांकि भारत की नजर दोनों की बढ़ रही नजदीकियों पर है. क्योंकि पाकिस्तान भरोसा करने लायक देश नहीं है यह हर कोई जानता है. एक बार फिर पाकिस्तान ने ऐसी हरकत की है कि भारत में चिंता बढ़ तो गई है लेकिन भारत पाकिस्तान की इस हरकत पर कड़ी नजर बनाए हुए है. पाकिस्तान की कुख्यात जासूसी एजेंसी ISI ने गुप्त रूप से अपने चार शीर्ष सदस्यों को ढाका भेजा है. जिससे नई दिल्ली में चिंता बढ़ गई है. इस घटनाक्रम को स्वीकार करते हुए, विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत अपने पड़ोस में हो रही घटनाओं पर बहुत करीब से नजर रख रहा है, खासकर उन पर जो उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर डाल सकती हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि “आवश्यक होने पर उचित कार्रवाई” की जाएगी.
पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी ISI के निदेशक जनरल ऑफ एनालिसिस मेजर जनरल शाहिद आमिर अफसर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस समय बांग्लादेश का दौरा कर रहे हैं. यह दौरा बांग्लादेशी सैन्य प्रतिनिधिमंडल के रावलपिंडी दौरे और सेना, वायु सेना और नौसेना प्रमुखों से मिलने के तुरंत बाद हो रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच तेजी से बढ़ते सैन्य संबंधों पर एक सवाल के जवाब में कहा, “हम देश और क्षेत्र के आसपास की सभी गतिविधियों पर नजर रखते हैं, साथ ही उन सभी गतिविधियों पर भी जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करती हैं, और सरकार उचित कदम उठाएगी.”
बांग्लादेश में ISI काफी सक्रिय
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेशी सैन्य प्रतिनिधिमंडल के पाकिस्तान दौरे के एक हफ्ते से भी कम समय बाद, रावलपिंडी ने चार वरिष्ठ अधिकारियों को ढाका भेजा है. इनमें ISI के एक दो-स्टार जनरल भी शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि मेजर जनरल शाहिद आमिर अफसर, जो ISI के निदेशक जनरल ऑफ एनालिसिस हैं और बीजिंग में पाकिस्तान के रक्षा अटैची के रूप में सेवा कर चुके हैं, इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं.
रावलपिंडी का दौरा करने वाले छह सदस्यीय बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बांग्लादेश सशस्त्र बल डिवीजन के प्रधान स्टाफ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल एसएम कमरुल हसन ने किया. पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने उनसे व्यापक बातचीत की. बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल 13 जनवरी से 18 जनवरी तक पाकिस्तान में रहा. सिर्फ तीन दिन बाद – 21 जनवरी को, रावलपिंडी ने गुप्त रूप से एक वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल को ढाका भेजा. यह लगभग दो दशकों में पहली बार था जब ISI ने आधिकारिक रूप से बांग्लादेश का दौरा किया. बांग्लादेश के निदेशालय जनरल ऑफ फोर्सेस इंटेलिजेंस (DGFI) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें दुबई के रास्ते आई एमिरेट्स एयरलाइंस की उड़ान से हवाई अड्डे पर प्राप्त किया.
ISI टीम को बांग्लादेश के कई सैन्य प्रतिष्ठानों का विस्तृत दौरा कराया जा रहा है और उन्हें ढाका की सैन्य क्षमताओं और तैयारियों के बारे में जानकारी दी जा रही है. इन दौरों के बीच, पाकिस्तान सेना के मीडिया विंग – इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने एक बयान जारी किया. इस बयान में लिखा कि बांग्लादेश के लेफ्टिनेंट जनरल एसएम कमरुल हसन और पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के बीच हुई बैठक ने मजबूत रक्षा संबंधों के महत्व को रेखांकित किया, यह जोर देते हुए कि दोनों भाईचारे वाले देशों के बीच स्थायी साझेदारी बाहरी प्रभावों के खिलाफ मजबूत रहनी चाहिए.
जब शेख हसीना प्रधानमंत्री थीं, तो पाकिस्तान की ISI की सभी गतिविधियों को उसके गुप्त कार्यों और बांग्लादेश में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण रोक दिया गया था, साथ ही चरमपंथी तत्वों के समर्थन के कारण भी. शेख हसीना के नेतृत्व में, कई लोगों को 1971 के बांग्लादेश युद्ध के दौरान ISI के साथ मिलीभगत और संलिप्तता के लिए पकड़ा और अभियुक्त किया गया.