नईदिल्ली। तवांग में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को लेकर विपक्ष सड़क से लेकर संसद तक सरकार हमलावर है. अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी अतिक्रमण और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वस्तुस्थिति के बारे में कार्यस्थगन नोटिस के जरिए चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट किया.
चीनी झड़प पर चर्चा को आसन ने किया खारिज, विपक्ष का हंगामा
विपक्ष की ओर से राज्यसभा में लगातार भारत-चीनी सैनिकों के बीच झड़प और भारतीय जमीन पर कब्जा को लेकर चर्चा की मांग होती रही. हालांकि विपक्ष की मांग आसन द्वारा खारिज कर दिया गया. जिसके बाद विपक्षी दल के सदस्य विरोध करते हुए सदन से बाहर चले गये. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, चीन हमारी जमीन पर कब्जा कर रहा है. इस मुद्दे पर हम चर्चा नहीं करेंगे तो और क्या चर्चा करेंगे? हम सदन में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं.
सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की मांग को नियम के अनुरूप नहीं बताया
सुबह उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. उन्होंने कहा कि नौ सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिए हैं. उन्होंने कहा कि इनमें से कोई भी नोटिस नियमों के अनुरूप नहीं है. धनखड़ ने कहा कि उन्होंने आठ दिसंबर को सदस्यों से कहा था कि कामकाज के निलंबन के लिए वह अपने नोटिस में आवश्यक नियम का उल्लेख करें लेकिन किसी भी नोटिस में नियम का कोई उल्लेख नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद 13, 15 और 16 दिसंबर को इसी प्रकार के नोटिस के जरिए कार्यस्थगन के तहत चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया गया जिससे करदाताओं के पैसे और सदन के कीमती समय की बर्बादी हुई.
समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान ने व्यवस्था पर उठाया सवाल
समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि पिछले सत्र में उनके द्वारा पूछे गए 10 प्रश्न हटा दिए गए और इस बार भी बगैर किसी कारण के तीन प्रश्न हटाए गए हैं. उन्होंने सभापति से इस मामले में संरक्षण का अनुरोध किया.