नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2014 के बाद पूर्वोत्तर में शांति का दौर शुरू हुआ। उग्रवादी हिंसा में 80 फीसदी कमी, नागरिक मौतों में 89 फीसदी की कमी और 2014 के बाद 6000 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया। वामपंथी उग्रवाद में 265 फीसदी की कमी आई। उन्होंने पाकिस्तान पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि जहां भारत दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट कर रहा है, वहीं हमारे कुछ पड़ोसी देश आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं और जोर-शोर से इसके पक्ष में बोल रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनका असली चेहरा सामने आ गया है।
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने सामाजिक कल्याण के बहाने कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले एक संगठन (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने में संकोच नहीं किया, हमने संगठन के खिलाफ गहन जांच की और उसके सदस्यों को गिरफ्तार किया। कट्टरपंथी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। ठाकुर ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि तवांग पर हमसे सवाल करने से पहले राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए, क्या वह चीनी अधिकारियों के साथ थे, जबकि भारतीय सेना डोकलाम मुद्दे पर चीन के सैनिकों से लड़ रही थी?
ठाकुर ने आगे कहा कि क्या उन्होंने उस समय हमारी सेना पर सवाल उठाया था? क्या राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीनी अधिकारियों से ली थी फंडिंग? उन्होंने ये भी कहा कि मोदी सरकार द्वारा अपनाया गया दृष्टिकोण आतंक के प्रति जीरो टॉलरेंस है। निर्णायक कार्रवाई ने हमें निश्चित परिणाम दिए हैं। यदि आप सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट स्ट्राइक को देखें और आतंकवादियों के खिलाफ स्ट्राइक के बाद 2014 से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद में 168 फीसदी की कमी आई है। अगर आप टेरर फंडिंग में कन्विक्शन रेट देखें तो यह 94 फीसदी है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह सिर्फ अपनाई गई नीतियों और बनाए गए नए कानूनों और भारत में आयोजित अन्य अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के कारण है। बिलावल भुट्टो का बयान और पाक मंत्री की धमकी आतंकवाद पर भारत के सख्त कार्रवाइयों और जांच के दबाव को दिखाती है। पाकिस्तान को आतंकवाद और टेरर फंडिंग को समर्थन देना बंद करना चाहिए नहीं तो उसे खुद ही इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।