श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के राजौरी में हाल में ही एक आतंकवादी घटना हुआ है। नव वर्ष की पहले दिन वहां आतंकवादियों ने हिंदू परिवारों को निशाना बनाया है। अब एक बार फिर से हिंदुओं की कश्मीर में सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने सीधा-सीधा भाजपा पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। फारूक अब्दुल्ला ने साफ तौर पर कहा है कि आतंकवाद अभी भी रियासत में है। जो देश में नफरत फैलाई जा रही है, यह उसी का नतीजा है। आम परिवारों को निशाना बनाया जा रहा है। अपने बयान में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि ये बहुत दुख की बात है कि आतंकवाद अभी भी इस रियासत में चल रहा है। उन्होंने कहा कि बेगुनाहों को मारा जा रहा है। पूरे देश में जिस तरह की नफरत फैलाई जा रही है, ये उसी का नतीजा है।
फारूक अब्दुल्ला ने आगे अपने बयान में कहा कि आज मुसलमान को अलग और हिंदुओं को अलग खड़ा किया जा रहा है। कौन जिम्मेदार है? कौन नफरत फैला रहा है?… इस पर गृह मंत्रालय में रास्ता निकालने कि जरूरत है। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के एक गांव में रविवार की शाम संदिग्ध आतंकवादियों ने एक समुदाय विशेष के लोगों के तीन मकानों पर गोलीबारी की। अधिकारियों ने बताया कि घटना में कम से कम तीन लोग मारे गए हैं, जबकि कई घायल हो गए हैं। वहीं, राजौरी जिले के डांगरी गांव में संदिग्ध आतंकवादी हमले के पीड़ितों में से एक के घर के पास सोमवार को हुए एक आईईडी विस्फोट में एक बच्चे की मौत हो गई जबकि चार अन्य घायल हो गए।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के डांगरी गांव में हुए आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने इस घटना में मारे गए नागरिकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। वहीं, राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस कायरतापूर्ण कृत्य की निंदा करते हैं और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी के शासन में होने और उग्रवाद को खत्म करने के उसके झूठे दावों के बावजूद, हिंसा बेरोकटोक जारी है। अगर जम्मू-कश्मीर की अपनी निर्वाचित सरकार होती, तो वही मीडिया उन्हें अंगारों पर खींचता।