छत्तीसगढ़ प्रदेश में विगत कुछ माह से धर्मान्तरण को लेकर बवाल मचा हुआ है। जब भी प्रदेश में धर्मान्तरण की आवाज उठती है तो सरकार और कांग्रेस पार्टी की ओर से यह बयान आता है कि धर्मान्तरण का सबूत लाए। अभी राजधानी में आयोजित चर्चित बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री ने धर्मान्तरण का विषय उठाया तो प्रदेश के मंत्री कवासी लखमा ने उन्हें चुनौती दी कि एक भी धर्मान्तरण का मामला अगर मिला तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे। इधर नारायणपुर में धर्मान्तरण को लेकर जो हिंसक झड़पें हुई उस विषय पर देश और दुनिया राजनीतिक दल, बुद्धिजीवी और संगठन अपना मत दे रहे है। वे इसाई समुदाय और संगठन पर हमला बताकर इसकी निंदा कर रहे है और प्रदेश सरकार के रवैये की आलोचना भी कर रहे है। अभी तक नारायणपुर घटना की शुरुआत में जब जनजातीय समुदाय के लोगों पर मतांतरित लोगों के द्वारा जो हमला हुआ, उसकी निंदा कोई नहीं कर रहा है। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की नेता वृंदा करात नारायणपुर, कोण्डागांव और कांकेर जाकर स्थानीय लोगों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वहां पर जबरदस्ती कोई धर्मान्तरण नहीं हुआ है। इसका मतलब यह है कि धर्मान्तरण हुआ है लेकिन जबरदस्ती नहीं हुआ है। दूसरी ओर बागेश्वर धाम के आचार्य जब इसाई और मुस्लिम समुदाय के लोगों का हिन्दू धर्म में वापसी करवा रहे है तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान आया कि यह अच्छी बात लेकिन हिन्दू धर्म में वापस आए लोगों को किस वर्ण मे रखेंगे? सवाल यह है कि जब भारतीय संविधान वर्ण और जातीय व्यवस्था को खारिज कर देता है तो मुख्यमंत्री वर्ण व्यवस्था की बात क्यों कर रहे है? भारत में कर्म के आधार पर वर्ण व्यवस्था बनाई गई थी, लेकिन अब उसका अस्तित्व समाप्त हो चुका है। धर्मान्तरण के मुद्दे पर राजधानी रायपुर में चल रहे धर्मेन्द्र शास्त्री के कार्यक्रम में चमत्कार और अंधविश्वास को लेकर भी राजनीति हो रही है। वे मंत्र और आस्था के दम पर पीडि़त, दुखी और बीमार लोगों की समस्या दूर करने का दावा कर रहे है जिसे चमत्कार कह कर अंध श्रद्धा निर्मूलन जैसी संस्थाएं विरोध कर रही हैं। रोचक बात यह है कि इसाई संगठन चंगाई उत्सव और प्रार्थना के नाम पर इसी तरह लोगों की बीमारी ठीक करने का चमत्कार दिखाकर धर्मान्तरण करते है। अंतर यह है कि धीरेन्द्र शास्त्री खुले आम ऐसा कर रहे जबकि दूसरे लोग बंद कमरे में यही काम कर रहे हैं। उनका चमत्कार अंध श्रद्धा निर्मूलन को दिखाई नहीं देता।