Home इन दिनों 2024 का चुनावी मुद्दा तय होगा रायपुर में

2024 का चुनावी मुद्दा तय होगा रायपुर में

32
0

पिछले लोकसभा चुनावों के बाद यूं तो हर साल देश में कहीं न कहीं चुनावी महाभारत होता रहा है, लेकिन अगले आम चुनाव से ठीक पहले का यह साल सियासी नजरिए से सबसे ज्यादा गरम साल साबित होने वाला है। भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे की लोकप्रियता और राजनीतिक परिपक्वता के बल पर लोकसभा चुनावों में हैट्रिक की तैयारी कर रही है, तो वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस भी राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा की सफलता से उत्साहित होकर भाजपा की हैट्रिक न बनने देने की तैयारियों में जुट गई है। जबकि भाजपा विरोधी क्षेत्रीय दल अपने अपने इलाकों में अपनी ताकत बढ़ाकर अगले लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा को रोकने और कांग्रेस को दबाव में लेने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इस चुनावी महाभारत में जहां भाजपा मोदी सरकार के दस सालों के कामकाज और भविष्य का भारत कैसा होगा अपने इस एजेंडे की पैकिंग में अपने सबसे बड़े और धारदार सियासी हथियार हिंदुत्व को फिर से आजमा कर कमंडल राजनीति को गरम करेगी, तो उसकी काट के लिए सामाजिक न्याय के योद्धा राजद, जद(यू) और समाजवादी पार्टी ने हिंदू ध्रुवीकरण की काट के लिए जातीय जनगणना और रामचरित मानस विवाद के जरिए पिछड़ों के ध्रुवीकरण की मंडल राजनीति का दांव खेलने में जुट गए हैं। उधर कमंडल और मंडल से इतर कांग्रेस ने भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ मुद्दों का एक बंडल तैयार किया है, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्या, छोटे उद्योगों मझोले व्यापार और दुकानदारों की तकलीफ, मजदूरों की रोजमर्रा की दिक्कतों और सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना और कॉरपोरेट भ्रष्टाचार के जरिए अमीर गरीब की गहराती खाई जैसे मुद्दे शामिल हैं। लोकसभा और राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर दिए गए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार के कामकाज और उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए इस साल होने वाले कई राज्यों के विधानसभा चुनावों और अगले साल के लोकसभा चुनावों की राजनीतिक पिच तैयार कर दी। अपने भाषण में उन्होंने न सिर्फ विपक्ष को आईना दिखाया, बल्कि भाजपा नेताओँ और कार्यकर्ताओं को सियासी लाइन भी दे दी कि अब उन्हें राजनीतिक विमर्श में क्या करना है और क्या बोलना है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की लाइन ऐसी सियासी पैकेजिंग हैं, जिसमें विकास सुशासन और उपलब्धियों के चमकदार खोल के भीतर ठोस हिंदुत्व है जो आगे आने वाले सभी चुनावों में भाजपा का सबसे धारदार हथियार होगा।