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विधानसभा चुनाव का माहौल बनने लगा

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छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के बाद प्रदेश में चुनावी माहौल बनने लगा है। वैसे तो प्रदेश भर में पिछले कुछ महीनों के दौरान कांग्रेस-भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों के संभावित दावेदार दीवारों पर अपने नाम की पेटिंग करना प्रारंभ कर चुके हैं। राजनीतिक पार्टियां भी अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है। कांग्रेस पार्टी की प्रभारी कुमारी शैलजा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक लेने प्रदेश आई हुई हैं, वहीं भाजपा भी अब सड़क की लड़ाई लडऩे की तैयारी कर रही है। जैसे-जैसे चुनाव करीब आता है, अगली सरकार किसकी बनेगी, इसकी कयास लगाने का सिलसिला भी शुरु हो जाता है। साथ ही साथ मीडिया हाउस ओपनियन पोल करवाकर माहौल को और गर्म करते हैं। अभी एक इलेक्ट्रानिक मीडिया ने अपने ओपनियन पोल में बताया कि विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस पार्टी को जीत मिल सकती है। अपने ओपनियन पोल के जरिए उक्त समाचार चैनल का मानना है कि कांग्रेस पार्टी को 49 से 54 सीटें मिल सकती है और भाजपा को 37 से 42 सीटें मिलने की संभावना है। इस ओपनियन पोल में सबसे महत्वपूर्ण आंकड़ा यह बताया गया कि कांग्रेस का मत प्रतिशत 44 होगा और भाजपा का मत प्रतिशत 43 होगा। 2018 के चुनाव से अगर तुलना करें तो भाजपा को 32.97 प्रतिशत वोट मिले थे और कांग्रेस पार्टी को 43.04 वोट मिले थे। इस प्रकार वोट का अंतर 10 प्रतिशत से अधिक था। अगर इसे संख्या में ले तो भाजपा और कांग्रेस के बीच में 14 लाख 37 हजार मतों का अंतर है। इस स्थिति में भाजपा के पास अभी 14 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 71। इसका मतलब है कि अगर भाजपा ओपनियन पोल के मुताबिक 43 प्रतिशत मत पा सकती है तो यह भाजपा के लिए अच्छी खबर हैं। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी का मत भी 1 प्रतिशत बढ़ रहा है। इसका दूसरा मायने यह है कि इस आगामी चुनाव में जनता ने अपनी राय केवल भाजपा और कांग्रेस को ध्यान में रखकर दी है। पिछले चुनाव में जोगी कांग्रेस-बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी और अकेले जोगी कांग्रेस ने 10 लाख 86 हजार मत प्राप्त किए थे। यही वोट कांग्रेस और भाजपा के बीच में बट रहा है। भाजपा-कांग्रेस के बीच में अगर मतों को अंतर कम हुआ है तो इसका मतलब भाजपा के परंपरागत वोटर फिर से एकजुट हुए हैं। वहीं, कांग्रेस सरकार के मंत्री एवं जनप्रतिनिधि के खिलाफ भी जनमत तैयार हुआ होगा। वैसे तो ओपनियन पोल कुछ हजार लोगों से बातचीत करके तैयार किए जाते हैं, लेकिन प्रदेश में जो राजनीतिक वातावरण दिख रहा है, उससे अगले चुनाव में रोचक होना की संभावना बढ़ गई है। अगले कुछ महीनों में राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ेगी।