Home इन दिनों इंडिया को बेअसर करने भाजपा की रणनीति

इंडिया को बेअसर करने भाजपा की रणनीति

24
0

बेंगलुरु बैठक में जब विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम इंडिया (ढ्ढ.हृ.ष्ठ.ढ्ढ.्र.) रखा था, तब अचानक भाजपा बैकफुट पर आती दिखाई पड़ी थी। उसे यह समझ ही नहीं आ रहा था कि वह इस नाम का मुकाबला कैसे करेगी? जिस नाम पर स्वयं केंद्र सरकार ने दर्जनों योजनाएं शुरू कर रखी हों, उसका विरोध वह कैसे करेगी। विरोध करने पर जनता के बीच यह गलतफहमी पैदा होने की संभावनाएं ज्यादा थी कि कहीं वह देश का ही विरोध तो नहीं कर रही है। विपक्ष भी अपने इस हमले को अचूक मान रहा था। उसे लग रहा था कि उसके इस तीर का भाजपा के पास कोई जवाब नहीं होगा। लेकिन मणिपुर के मुद्दे पर मचे हंगामे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा को इस असमंजस से निकाल लिया है। पार्टी सांसदों की बैठक के बीच उन्होंने बताया कि किस तरह ईस्ट इंडिया कंपनी का नाम रखकर देश को लूटा गया। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (स्ढ्ढरूढ्ढ) और इंडियन मुजाहिदीन जैसे संगठन अपने नाम में इंडिया शब्द का उपयोग करने के बाद भी देश विरोधी काम करते रहे और इन पर प्रतिबंध लगाया गया। मोदी के बयानों से अब यह साफ है कि आने वाले दिनों में भाजपा विपक्षी दलों के गठबंधन को इन्हीं नामों के साथ जोड़कर हमला करेगी और उसकी विश्वसनीयता कम करने की रणनीति अपनाएगी। प्रचार युद्ध में 2014 से ही बार-बार अपनी काबिलियत दिखा चुकी भाजपा इसको लेकर आक्रामक रुख अपनाएगी और उसे इसका लाभ मिल सकता है। लेकिन क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह आइडिया विपक्ष के इंडिया नाम के असर को बेअसर कर सकेगा? भारतीय जनता पार्टी के एक राष्ट्रीय स्तर के प्रवक्ता ने कहा कि छद्म नाम रखकर लोगों को भ्रम में डालने की रणनीति आज की तारीख में संभव नहीं है। स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के जमाने में लोग बेहद महत्त्वपूर्ण सूचनाओं से लैस हैं। ऐसे में केवल इंडिया शब्द का उपयोग कर विपक्ष जनता को भ्रम में नहीं डाल सकता। राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने कहा कि इंडिया शब्द का उपयोग कर विपक्ष ने मोदी पर अचूक हमला किया है। उसे अब तक यह समझ नहीं आ रहा है कि वह इस हमले का मुकाबला कैसे करे। उन्होंने कहा कि आम जनता इस इंडिया शब्द के पूर्ण नाम को कभी नहीं समझने की कोशिश करेगी। उसे इसमें केवल इंडिया दिखाई पड़ेगा और लोग इसे देश से जोड़कर देखेंगे। लेकिन भाजपा जब इस पर हमला करने की कोशिश करेगी, तो उसका नकारात्मक अर्थ निकल सकता है। इस डर से भाजपा में विपक्ष पर हमला करने में हमेशा दुविधा बनी रहेगी। विपक्ष को इस स्थिति का लाभ मिल सकता है। केंद्र के हमलों को देखने के बाद अब उन्हें लगता है कि भाजपा इस हमले का जवाब नहीं खोज पाई है।