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छत्तीसगढ़ में किसान सुसाइड पर सियासत, भाजपा ने बनाई कमेटी

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महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद में एक किसान ने अपने खेत में आत्महत्या कर ली। किसान ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है। सुसाइड के पीछे बिजली सप्लाई में लो वोल्टेज और कर्ज बड़ा कारण बताया गया है। बीजेपी ने एक कमेटी बनाकर जांच शुरू करने की बात कही है। वहीं कांग्रेस ने अभी बयान जारी नहीं किया है।
पुलिस के अनुसार महासमंद के छुइया गांव के रहने वाला किसान कन्हैया रोज की तरह घर से खेत के लिए निकला। पर वापस नहीं लोटा। जब घर वालों ने तलाश शुरू की तो किसान का शव खेत में मिला। किसान के शव के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें कर्ज और फसल की क्षति से परेशान होने की बात कही गई है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव गिरिपुंजे ने बताया,’किसान के लिखे सुसाइड नोट की जांच की जा रही है। दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।’ यानि फिलहाल पुलिस किसान की मौत दुर्घटना से होना माना है। ना कि कर्ज से परेशान होकर सुसाइड करना।
जिला प्रशासन के अधिकारी कह रहे हैं कि किसान के पास 4।5 एकड़ जमीन थी।उसके बेटे के पास 1।5 एकड़ जमीन थी। इस जमीन पर वे दोनों खेती करते थे। साल 2022-2023 के खरीफ सीजन में किसान ने सहकारी समिति में 64 क्विंटल धान बेचा था। फिर इसके बाद के सीजन में यानि 2021-2022 में 50 क्विंटल धान बेचा था। राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी किसान ने उठाया था। अधिकारी ने बताया कि किसान ने एक निजी बैंक से लोन लिया था जिसकी जांच की जा रही है।
इस पूरे मामले को बीजेपी ने अपने पक्ष में भुनाने के लिए चाल चल दी है। बीजेपी ने मामले की जांच के लिए पार्टी विधायक ननकी राम कंवर की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है। टीम में महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू, प्रदेश किसान मोर्चा के अध्यक्ष पवन साहू, बीजेपीप्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा और बीजेपी महासमुंद जिला अध्यक्ष कुमारी चौधरी को कमेटी का सदस्य बनाया गया है। जल्द ही यह कमेटी छुइहा जाकर किसान कन्हैया चंद्राकर की आत्महत्या के कारण का पता लगाएगी। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने खल्लारी छुइहा के किसान की आत्महत्या के मामले में कांग्रेस सरकार को घेरा है। साव ने कहा कि मृतक किसान की जेब से मिले सुसाइड नोट से किसानों की कर्जमाफी के सरकारी दावों की पोल खुल गई है।