मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। मध्य प्रदेश की 39 और छत्तीसगढ़ की 21 विधानसभा सीटों पर पार्टी ने प्रत्याशी घोषित कर दिए गए है। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के एक दिन बाद ही सूची जारी कर भाजपा ने इन विधानसभा चुनाव में बढ़त बनाने की कोशिश की है। पार्टी ने उन सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं जहां कांग्रेस के कद्दावर नेताओं का कब्जा है। इसमें भी ज्यादातर वो सीटें हैं, जहां भाजपा लगातार दो या तीन बार चुनाव हार रही है। ऐसा पहली बार हुआ है कि भाजपा ने चुनाव की घोषणा से पहले ही उम्मीदवारों का एलान किया है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की ये सभी वो सीटें हैं जहां वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है। आंतरिक सर्वे में भी इन सीटों पर पार्टी की स्थिति ठीक नहीं पाई गई थी। पार्टी की कोशिश है कि उम्मीदवारों के नामों का एलान पहले करने से उन्हें तैयारी करने का मौका मिलेगा। इससे इन सीटों पर जीतने की संभावना बढ़ सकती है। कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाली इन सीटों को भाजपा ने आकांक्षी सीट नाम दिया है। मध्य प्रदेश की पहली सूची में 2018 में चुनाव हारे 14 चेहरे को फिर से मौका दिया गया है। इनमें चार मंत्री ललिता यादव, लालसिंह आर्य, ओम प्रकाश धुर्वे और नाना भाऊ मोहोड़ शामिल है। एमपी की पहली सूची में सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर एक पूर्व विधायक रणवीर जाटव का टिकट कट गया है। जाटव 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। उपचुनाव में वे भाजपा से चुनाव लड़े थे। लेकिन वे हार गए थे। छत्तीसगढ़ की 21 सीटों में 10 सीटें अनुसूचित जनजाति की है। एक सीट अनुसूचित जाति वर्ग को दी गई है। पाटन सीट से सांसद विजय सिंह बघेल को मैदान में उतारा गया है। इस सीट से प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल विधायक है। दोनों नेताओं के बीच भतीजे-काका का रिश्ता है। पार्टी ने अपनी पहली सूची में पांच महिला उम्मीदवारों को मौका दिया है। मध्य प्रदेश में कुल 103 आकांक्षी सीटें हैं जहां पिछली बार बीजेपी चुनाव हार गई थी। इसके अलावा 22 ऐसी सीटें हैं, जिस पर पार्टी का जीत का मार्जिन एक हजार से कम था। जबकि छत्तीसगढ़ की 25 आकांक्षी सीट है। जहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत है। इन सीटों पर हर बार भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ता है। चर्चा में पार्टी के वरिष्ठ नेता कहा कि, इन हारी हुई सीटों को जीतने के लिए भाजपा ने फरवरी माह से रणनीति बनाना शुरु कर दिया था। संगठन ने इन सीटों पर हारे हुए बूथों को जीतने से लेकर प्रत्याशियों के चयन की एक्सरसाइज पूरे छह माह तक की। फिर इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई। इसमें क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार चयन किया गया। दोनों राज्यों के संगठनों ने यह अपनी अपनी रिपोर्ट बुधवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में रखी थी। इसके बाद यह पहली सूची गुरुवार को जारी की गई।
आकांक्षी सीटों पर जीत के लिए ये है प्लान
दोनों राज्यों में कांग्रेस के प्रभाव वाली सीटों को जीतने के लिए बीजेपी गुजरात फॉर्मूला यानी हर बूथ पर 51 फीसदी वोट शेयर प्राप्त करने और उत्तर प्रदेश के फॉर्मूले और योजनाओं के जरिए जनता से कनेक्ट होने पर काम कर रही है, जिससे इन सीटों पर बीजेपी को जीत मिल सके। जिस तरीके से साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने अमेठी में राहुल गांधी को हराया था। उसी तर्ज पर अब मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की आकांक्षी सीटों पर बीजेपी कुछ कांग्रेस के दिग्गजों को हराने की रणनीति पर काम कर रही है। इन सीटों पर बीजेपी कई दिग्गज नेता उतारकर कांग्रेस को टक्कर देने के लिए माहौल तैयार करेगी। साथ ही, कांग्रेस नेताओं ने विकास के लिए क्या काम किए हैं, इस तरह के विषय पर स्पेशल कैंपेन चलाएगी।