Home इन दिनों कांग्रेस के विधायकों के टिकट पर निर्भर नतीजे

कांग्रेस के विधायकों के टिकट पर निर्भर नतीजे

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अभी हाल ही में सी वोटर और एबीपी न्यूज की सर्वे रिपोर्ट आई है इसके बाद कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता थोड़े नर्वस हैं और यह कहते नजर आ रहे हैं कि कहीं 2013 वाली स्थिति न हो जाए। 2013 में कांग्रेस की सरकार आते-आते रह गई थी जबकि उस समय तमाम परिस्थितियां कांग्रेस के बिलकुल अनुकूल थी। मतगणना के दौरान एक समय लगने लगा था कि कांग्रेस की सरकार बन ही जायेगी लेकिन अति आत्मविश्वास के कारण कांग्रेस सत्ता में आते आते रह गई। पुराने और जमीनी कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि उस समय सर्वे रिपोर्ट को अनदेखा किया गया था। जिन विधायकों के खिलाफ माहौल था और जिनका टिकट काटा जाना चाहिए था उनका टिकट नहीं काटा गया और अंतत: उनके कारण कांग्रेस प्रदेश में पिछड़ गई। बताया जाता है कि उस समय 17 विधायकों के खिलाफ एंटी इनकैंबम्सी की बात सर्वे रिपोर्ट में आई थी और इनके चेहरे बदलने का सुझाव दिया गया था लेकिन तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष इस बात पर अड़ गए थे कि सिटिंग विधायकों की टिकट नहीं कटना चाहिए। नतीजतन तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष समेत कई विधायकों की हार हो गई थी और तमाम अनुकूल परिस्थितियां भी कांग्रेस की सत्ता वापसी नहीं करा पाई थी। फिलहाल 2023 का दृश्य भी ऐसा ही दिख रहा है। प्रदेश में सरकार के खिलाफ कोई माहौल नहीं, गांव से लेकर शहर तक चुनाव को लेकर कोई उत्साह भी नहीं क्योंकि बदलाव की बात होती नहीं दिख रही है। प्रदेश में हो रहे अब तक के तमाम सर्वे रिपोर्ट भी यही बताते हैं कि फिर से कांग्रेस की सरकार आ सकती है लेकिन सीटें कम हो रही है। हालिया एक सर्वे में भी यह कहा गया कि सरकार की वापसी ज्यादा लोग चाहते हैं लेकिन काम से कम 36 विधायकों से नाराजगी है। कांग्रेस के आंतरिक सर्वे में भी 33 विधायकों के परफॉर्मेंस पर सवाल उठाया गया था और उनको क्षेत्र में स्थिति ठीक करने की हिदायत भी दी गई थी। बताया जाता है कि अभी भी 22 विधायक ऐसे हैं जिनपर हार का खतरा है, इसलिए यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि इनकी टिकट काटी जा सकती है। प्रदेश में 23 ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां हर 5 साल के बाद स्थानीय लोगों ने विधायक बदल दिया है। इनमे से 17 विधानसभा क्षेत्र में 2003 से ही यह स्थिति है जबकि 6 विधानसभा क्षेत्र, जिनका निर्माण 2008 में हुआ है उनकी भी यही प्रवृति दिखाई देती है। किसी भी सिटिंग एमएलए का टिकट काटना किसी पार्टी के लिए आसान नहीं होता खासकर यदि वह पार्टी कांग्रेस हो। पार्टी को डर होता है कि कहीं वह बागी न बन जाए या चुनाव में अधिकृत प्रत्याशी को डैमेज न कर दे। अब कांग्रेस नेतृत्व 20 सिटिंग एमएलए का टिकट काटने का साहस कर पाएगी या नहीं यह तो समय बताएगा।