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हर महीने हो रही विपक्षी दलों की बैठके

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जून में पटना में बैठक हुई। फिर जुलाई में बंगलूरू में और अब 31 अगस्त को मुंबई में बैठक शुरू हो गई। यानी हर महीने विपक्षी दलों के गठबंधन के सभी प्रमुख दलों के नेताओं की बैठकें हो रही है। सियासी जानकारो का कहना है कि जिस तरीके से राजनीतिक गलियारों में दिसंबर में लोकसभा के चुनाव कराए जाने की बात हो रही है उसी के मद्देनजर विपक्षी दल सब कुछ चाक चौबंद बंद करके अपनी तैयारी कर रहे हैं। हालांकि 18 सितंबर से लोकसभा के विशेष सत्र को बुलाए जाने की घोषणा वाली टाइमिंग पर सियासी गलियारों में विपक्ष के लिए बड़ा बाउंसर माना जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से संसद के विशेष सत्र के बुलाए जाने को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं इस बात की भी हो रही हैं कि क्या मोदी सरकार यह संदेश दे रही है कि लोकसभा के चुनाव दिसंबर में हो जाएंगे। जिस तरीके से विपक्षी दलों के गठबंधन की बैठक चल रही है और अगले कुछ दिनों में गठबंधन के अगले स्वरूप को लेकर बैठकों का दौर और तेज होना है। ऐसे में यह संदेश जाना कि लोकसभा के चुनाव दिसंबर में हो सकते हैं निश्चित तौर पर गठबंधन के नेताओं में रणनीतियों के लिहाज से हड़बड़ी भी हो सकती है और अपनी योजनाओं को बनाने में जल्दबाजी भी करनी पड़ सकती है। इसलिए यह कहना कि दिसंबर में लोकसभा के चुनावों की चर्चा से विपक्षी दलों पर कोई दबाव नहीं होगा यह नहीं कहा जा सकता है। विपक्षी दलों की जो रणनीतियां बन रही हैं वह इस लिहाज से ही बन रही है कि दिसंबर में होने वाले चुनाव से पहले किस तरीके से तैयारी की जाए। राजनीतिक जानकार भी इस बात को मानते हैं कि जिस तरीके से जुलाई में विपक्षी दलों के गठबंधन की दूसरी बैठक हुई और उसके बाद 31 अगस्त से 1 सितंबर के बीच में अगली बैठक की तारीख घोषित की गई। उससे पता चलता है कि विपक्षी दल कितनी तैयारी के साथ आगे बढ़ रहे हैं। विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक तकरीबन हर महीने होती ही आ रही है। पहली बैठक जहां पटना में जून में हुई फिर उसके अगले महीने जुलाई में बेंगलुरु में बैठक हुई और अब अगस्त के आखिरी सप्ताह में गुरुवार को मुंबई में बैठक हो रही है। निश्चित तौर पर जिस तरीके से विपक्षी दल लगातार बैठक करके अपनी योजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं उसे उनके दिमाग में दिसंबर में होने वाले लोकसभा के चुनाव की सुगबुगाहट का पूरा खाका खिंचा हुआ लग रहा है। विपक्षी दलों के बड़े नेता भी लगातार इस बात की खुलेआम चर्चा करते आ रहे हैं कि केंद्र सरकार दिसंबर में चुनाव कराने की तैयारी कर रही है।