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चीन सीमा पर भारत की रोबोटिक आर्मी तैनात, सामान भी उठाता है, जानकारी भी जुटाता, गोलियां भी चलाएगा

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LAC पर चीन ने अपने रोबोटिक डॉग स्क्वाड को तैनात कर दिया है. चीनी पीएलए ने वेस्टर्न थियेटर कमांड में रोबोटिक डॉग को शामिल किया था. पीएलए ग्राउंड फोर्स के कंबाइंड आर्म्ड ब्रिगेड के अभ्यास में भी रोबोटिक डॉग के कुछ वीडियो सामने आए थे. चीन को लगता था कि तकनीक के मामले में उसे कोई टक्कर नहीं दे पाएगा, लेकिन भारत ने उसे गलत साबित करना शुरू कर दिया है. भारतीय सेना ने भी अपनी रोबोटिक आर्मी को LAC पर तैनात करना शुरू कर दिया है. रोबोटिक म्यूल यानी MULES – Multi-Utility Legged Equipment अब भारतीय सेना के लिए हाई एल्टिट्यूड में मददगार बन रहे हैं.

क्या है रोबोटिक म्यूल? अब तक सेना ट्रांसपोर्टेशन के लिए जानवरों का इस्तेमाल करती थी, जो ऊंचे पोस्ट पर सामान ढोते थे. अब धीरे-धीरे उनकी जगह रोबोट ले रहे हैं. 77वें थलसेना दिवस के मौके पर पहली बार ये म्यूल दिखाए गए. 12 रोबोटिक म्यूल ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी को सलामी दी. LAC की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में रहना ही चुनौती है, वहां काम करना तो और भी मुश्किल है. भारतीय सेना को राहत देने के लिए खास तौर पर इन रोबोटिक म्यूल की तैनाती की गई है.

स्वदेशी रोबोट की खासियत सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल भारतीय सेना के पास 70 रोबोटिक म्यूल की आर्मी है. इन सभी को नॉर्दर्न बॉर्डर यानी चीन से लगती सीमा के पास तैनात किया गया है. ये रोबोटिक म्यूल किसी रोबोटिक डॉग की तरह दिखते हैं. 15 से 30 किलो तक का वजन उठाकर ये 10 फीट की ऊंचाई तक आसानी से चढ़ सकते हैं. फिलहाल लॉजिस्टिक और सर्विलांस के लिए इनका इस्तेमाल किया जा रहा है. ये म्यूल रिमोट से ऑपरेट किए जाते हैं. इनका रिमोट इनके हैंडलर या ऑपरेटर के पास होता है. जैसे-जैसे ऑपरेटर रिमोट के जरिए कमांड देता है, ये उसी तरह से काम करते हैं. ये माइनस 40 डिग्री तक के तापमान में आसानी से ऑपरेट कर सकते हैं.

अपग्रेड होगी रोबोटिक आर्मी भारतीय सेना के पास जो रोबोटिक म्यूल हैं, वे बेसिक वर्जन के हैं. इनका इस्तेमाल लॉजिस्टिक और सर्विलांस के लिए किया जा रहा है. इन रोबोट में लगे थर्मल कैमरे और सेंसर से पहाड़ी इलाके में सीमा के नजदीक निगरानी की जा सकती है. आने वाले दिनों में इन रोबोट को छोटे हथियारों के साथ वेपेनाइज्ड भी किया जाएगा. ये किसी भी सेना के जवान की तरह ही दुश्मन से मुकाबला कर सकेंगे.

चीन भी तैनात कर चुका है अपने रोबोट पूर्वी लद्दाख में पिछले साढ़े चार साल से चीनी सेना को विषम परिस्थितियों में रहने को मजबूर होना पड़ा. मजबूरन चीन को LAC पर रोबोट का इस्तेमाल करना पड़ा. उसने सबसे पहले अपने रोबोटिक डॉग स्क्वाड को चुना. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल सोशल मीडिया में एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था जिसमें एक ड्रोन के जरिए वॉर जोन में रोबोटिक डॉग को उतारा गया था. चीन के इस रोबोटिक डॉग QBZ-97 लाइट मशीन गन और एडवांस इंटेलिजेंस उपकरण से लैस है. इसे खास तौर पर कॉम्बैट मिशन के लिए तैयार किया गया है. वजन में हल्का होने के चलते इसे क्वाडकॉप्टर के जरिए कहीं भी भेजा जा सकता है.