केंद्रीय कॉमर्स सेक्रेटरी सुनील बर्थवाल ने कहा कि सरकार के एक लाख करोड़ डॉलर के निर्यात लक्ष्य में इंजीनियरिंग क्षेत्र से 250 अरब डॉलर शामिल हैं. सरकार ने 2030 तक भारत से एक लाख करोड़ डॉलर का निर्यात हासिल करने का लक्ष्य रखा है. बर्थवाल ने कहा, “भारत चमड़ा, कपड़ा और पारंपरिक क्षेत्रों के लिए जाना जाता है, लेकिन भारत में इंजीनियरिंग क्षेत्र जिसमें वाहन, उपकरण आदि शामिल हैं, कुल निर्यात का लगभग 25 प्रतिशत है. जब भारत एक लाख करोड़ डॉलर के निर्यात की उम्मीद कर रहा है, तो हम इंजीनियरिंग उद्योग से 250 अरब डॉलर के निर्यात की उम्मीद कर रहे हैं.”
बर्थवाल निर्माण उपकरण विनिर्माताओं के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. बर्थवाल ने कहा, “ये हमारी महत्वाकांक्षा है जो जमीनी हकीकत पर आधारित है. ये इस बात पर आधारित है कि मध्यम वर्ग किस तरह से बढ़ रहा है, सरकार देश के अंदर बुनियादी ढांचा के विकास पर ध्यान दे रही है, बंदरगाहों, हवाई अड्डों के विकास पर ध्यान दे रही है, रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान दे रही है, सड़कों को चौड़ा करने पर ध्यान दे रही है.”
सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बहु-मॉडल यातायात के बारे में बात की है, जिसका उद्देश्य अंतिम छोर तक संपर्क प्रदान करना है. उन्होंने कहा कि ऊर्जा परिवर्तन की प्रक्रिया में, ऐसी प्रौद्योगिकियों को अपनाने की मांग होगी, जिनमें शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन हो. बर्थवाल ने कहा, “इससे बहुत सारे अवसर भी पैदा होंगे. भारत में युवा भी कुछ ऐसे नए विचारों की तलाश में हैं, जिन पर वे पेटेंट ले सकें और व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर सकें.”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वाहन प्रदर्शनी ‘भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो-2025’ में कई युवाओं से बातचीत की, जो चार्जिंग प्रणाली को कुशल बनाने के क्षेत्र में अवसर तलाश रहे हैं. वाणिज्य सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि परिवहन उद्योग को यात्रा को आसान बनाने के साथ-साथ सुरक्षित यात्रा पर भी ध्यान देना चाहिए.