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प्रदेश में बढ़ता अपराध

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जब भी विपक्ष सत्ता पक्ष पर प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर आरोप लगाता है तो सत्ता पक्ष उसे नकारता है और पिछले वर्षों के आंकड़े दिखाकर अपराध कम होने के दावा करता है। आंकड़े अपनी जगह है लेकिन समाचार पत्रों और अन्य माध्यमों से जो समाचार मिलते है उससे आम आदमी जब भयभीत होने लगे तो समझ लेना चाहिए कि अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है। एक परिपाटी है कि साल के अंत आते-आते सभी जिला केंद्रों पर पुलिस विभाग अपराधिक आंकड़े जारी करता है। राजधानी रायपुर में 1 जनवरी से 30 नवम्बर तक के आंकड़े जारी किए गए। इस अवधि में राजधानी में ही 70 हत्याएं हुई है याने हर पांचवें दिन एक हत्या प्रदेश में हो रही है। यह हत्याएं आवेश में आकर होने वाली घटनाएं नहीं है बल्कि योजनाबद्ध तरीके से लूटपाट करने के लिए की जाने वाली हत्याएं है। इसी के साथ एक दूसरा महत्वपूर्ण आंकड़ा है हत्या के प्रयास। हत्या के प्रयास के 115 घटनाएं 11 महीनों में हुई, जबकि लूट की 98 घटनाएं इसी दौरान घटी है। यह 3 ऐसे अपराध है जो आम जनता को भयभीत करते है। किसी राज्य में कल्याण और विकास से भी पहले नागरिकों को सुरक्षा सरकार की प्रमुख जिम्मेदारी है। इसे मौलिक अधिकार प्राप्त है। कानून बनाकर अपराध को नहीं रोका जा सकता है। अपराध को रोकने के दो ही तरीके हो सकते है- एक पुलिस की सतर्कता और उसकी कठोरता इतनी हो कि अपराध करने से पहले व्यक्ति बार-बार सोचे और दूसरा तरीका यह हो सकता है कि समाज में ऐसे कारणों का पता लगाकर समाधान किए जाएं जो अपराध के लिए प्रेरित करते है। हाल-फिलहाल जो हत्या, लूट की वारदातें हो रही है उसके पीछे आपसी रंजिश और बेरोजगारी मुख्य कारण हो सकते है। किसी निजी कंपनी के आंकड़े को आधार मानकर सरकार भले दावा करे कि प्रदेश में 0.1 प्रतिशत बेरोजगारी है लेकिन गांव से लेकर शहर तक गली चौराहों पर बेरोजगार युवकों की भीड़ नजर आती है। पढ़े-लिखे युवा जब व्हाट्एप और फेसबुक पर दूसरों की प्रगति देखते है तो उन्हें मानसिक पीड़ा होती है। धीरे-धीरे उनके मन में समाज और व्यवस्था के प्रति आक्रोश पनपता है। भारत के पास युवाओं की फौज है, इनकी ऊर्जा को देश और समाज के लिए उपयोगी बनाई जाए तो यह वर्ग चमत्कार कर सकता है। जो योग्य है वे अपने बलबूते अपना लक्ष्य हासिल कर लेते है। समाज और व्यवस्था को उन पर विशेष ध्यान देना चाहिए जिनमें शिक्षा और कौशल का अभाव है। यही वर्ग अपराध की ओर कदम बढ़ाता है।