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राजधानी में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच

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राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक बड़ी उपलब्धि राज्य निर्माण के 22 साल बाद छत्तीसगढ़ ने हासिल की है। राजधानी रायपुर के शहीद वीरनारायण सिंह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में पहली बार भारत और न्यू•ाीलैंड के बीच वन-डे क्रिकेट मैच होने जा रहा है। छत्तीसगढ़ में निर्मित क्रिकेट स्टेडियम भारत के सबसे बड़े और सुविधापूर्ण क्रिकेट स्टेडियम में से एक है। इसके निर्माण के बाद बहुत प्रयास से इंडियन प्रीमियर लीग के मैच किसी स्टेडियम में खेले गए लेकिन ज्यादातर समय स्टेडियम का वैसा उपयोग नहीं हो सका। अगर अंतर्राष्ट्रीय स्तर की बात करें तो 2010 में केनेडा की एक राष्ट्रीय टीम ने यहां पर मैच खेला था लेकिन वह मान्यता प्राप्त मैच नहीं था। छत्तीसगढ़ में पिछले 22 वर्षों खेल अधोसंरचना में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है लेकिन तमाम सुविधाएं मिलने के बावजूद भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जिस तरह खिलाड़ी तैयार होने चाहिए वैसा नहीं हो पा रहा है। यह गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ में लगभग आधा दर्जन एस्ट्रोटर्फ युक्त हॉकी के मैदान है। राजनांदगांव, अंबिकापुर हॉकी का गढ़ माना जाता है, लेकिन अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी नहीं बन पा रहे है। ओलंपिक में खेले जाने वाले प्रमुख खेलों में छत्तीसगढ़ के बास्केटबॉल टीम का राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा स्थान है। वहीं भरोत्तोलन में भिलाई स्टील प्लांट की तंंद्रा रॉय से लेकर अभी कृष्णा साहू, ज्ञानेश्वरी राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। बैडमिंटन में प्रदेश की आकर्षि कश्यप और ईशान भटनागर अपनी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बना चुके है। सबके बावजूद क्रिकेट भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय खेल है। प्रदेश में हो रहे पहले अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैच को लेकर आसपास के राज्यों में भी बहुत उत्सुकता है। जिस दिन इस मैच के टिकट बिक्री शुरु हुई देखते ही ेदेखते ऑनलाईन बिक्री से सारे टिकट बिक गए। अब यह आरोप लग रहा है कि हजारों टिकट रसुखदारों ने खरीद ली है और उसे ब्लैक में बेच रहे है। वैसे तो क्रिकेट संघ और शासन ऐसे महत्वपूर्ण आयोजनों में पास अथवा निमंत्रण के साथ कुछ लोगों को टिकट मुहैया कराता है लेकिन भारत-न्यूजीलैंड के बीच होने वाले मैच को लेकर ऐसी व्यवस्था भी नहीं की गई है। जब अंतर्राष्ट्रीय के मैच प्रदेश के स्टेडियम में होंगे तो इससे युवा खिलाडिय़ों में खेल के प्रति आकर्षण और बड़े स्तर पर खेलने की प्रेरणा मिलेगी। आज भी कई राज्य ऐसे है जहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट बहुत कम हो रहे है। छत्तीसगढ़ को अगर यह मौका मिला है तो यह उपलब्धि है।