कर्नाटक विधानसभा का चुनाव भाजपा बुरी तरह हारी। चुनाव के पहले उनके सारे बड़े नेता बहुमत से जीतने का दावा कर रहे थे। हालांकि कोई भी पार्टी ऐसे ही दावे करती है लेकिन भाजपा अति आत्म विश्वास में थी। वह भूल गई थी कि वह दक्षिण भारत से चुनाव लड़ रही है, जहां भाजपा का आधार अभी मजबूत नहीं हुआ। उत्तर प्रदेश की बात अलग है। जहां योगी जैसा मुख्यमंत्री विराजमान है, जिसने भ्रष्टाचार की सारी गुंजाइश ही खत्म कर दी है। हालत यह है कि अब मुसलमान भी भाजपा को वोट दे रहा है। क्योंकि भाजपा ने कुछ मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा। नतीजा एक तरफ कर्नाटक में भाजपा बुरी तरह हारी, वही उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में उसने अपना परचम लहराया। सपा, कांग्रेस की बुरी हार हुई। दोनों राज्यों के नतीजे देखकर हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि जनता दृष्टिसंपन्न होती है। वह न केवल योग्य प्रत्याशियों को देखती है वरन पार्टी को भी देखती है। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को लेकर छवि बहुत अच्छी नहीं थी। वहाँ तो हालत यह रही कि भाजपा छोड़कर के जो कांग्रेस में गया, वह प्रत्याशी भिवहार गया। सरकार में शामिल मंत्री भ्रष्टाचार कर रहे थे। चालीस प्रतिशत कमीशन का वैसे भी खूब प्रचार था। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया, फिर राहुल गांधी की भारत छोड़ो यात्रा का भी असर हुआ। कर्नाटक के नतीजे के बाद भाजपा को अब सावधान हो जाना चाहिए ।राहुल गांधी को भी हल्के से लेने की भूल नहीं करनी चाहिए। राहुल गांधी की पप्पू वाली छवि पुरानी बात हो गई है। पिछले एक डेढ़ वर्ष में राहुल में गंभीरता आई है। उस के कारण कांग्रेस का ग्राफ बढ़ा है। कांग्रेस में खरगे को अध्यक्ष बनाने के बाद कांग्रेस परिवारवाद से ऊपर उठती दिखाई दी है। इसमें सिर्फ कांग्रेस को कोसने से अब बात बनने वाली नहीं है। इस देश का मध्यम वर्गी समाज जिस तरह से महंगाई की मार झेल रहा है, इससे उसे उबारने की ज़रूरत है। रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली सुविधा खत्म कर दी। सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण यह है दे बैंकों में बचत वाली व्याज दर कम होती जा रही है। पोस्ट आफिस की ब्याज दरें भी काफी कम हो गई है। जो गरीब हैं,उनको तो आप खूब सुविधा दे रहे हैं ताकि वे खुश रहे और आपको वोट दें। लेकिन मध्यम वर्गीय समाज की चिंता केंद्र में बैठी भाजपानीत सरकार नहीं कर रही है। वह भूल रही है कि मध्यम वर्गीय आय वाला समाज भी उनका मतदाता है। छत्तीसगढ़, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार आकर्षक योजनाएं लागू कर रही है, जिससे हम लोग खुश हैं। कर्नाटक का कांग्रेसी घोषणा पत्र भी काफी आकर्षक है। तात्पर्य यह है कि जो सरकार जनहित के कार्य करेगी, उस के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। अब आप एयरपोर्ट में सुविधाएँ बढ़ा दें, फोरलेन सिक्स लेन सड़कें भी बनाएँ, वंदे भारत ट्रेन चला दें, इन सब से निम्न मध्यवर्ग के लोगों का भी कोई सरोकार नहीं । इन सारी सुविधाओं का लाभ अधिकतर आर्थिक दृष्टि से संपन्न लोग ही उठाते हैं। बेशक इन सब बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। देश को आगे बढ़ाने के लिए यह सब बहुत जरूरी है। लेकिन यह भी जरूरी है कि पेट्रोल, डीज़ल सस्ता मिले। खाने के तेल के भाव कम हों। जीएसटी कम हो। कहाँ लगे, कहाँ न लगे,इसकी बुद्धि भी होनी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी इस वक्त मध्य वर्गीय समाज पर ध्यान नहीं दे रही है। पूंजीपति या कहें कि उच्च वर्गीय लोगों की खूब तरक्की हो रही है, मगर गरीब और बदहाल हो रहा है। अत: अब अगर इस देश के आम आदमी के सरोकारों और समस्याओं पर भाजपा ने मंथन करना शुरू नहीं किया, तो सन 2024 का चुनाव उनके हाथ से फिसल भी सकता है। इस पर बेहद गम्भीर होने की आवश्यकता है।