Home राष्ट्रीय कांग्रेस में सरगारमाइज बढ़ा राजनीतिक पारा

कांग्रेस में सरगारमाइज बढ़ा राजनीतिक पारा

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मंगलवार के दिन पवनपुत्र हनुमान की आराधना की जाती है, कर्नाटक चुनाव के दौरान बजरंगबली राजनीतिक पूजा-पाठ बढ़ गई थी। छत्तीसगढ़ में भी बजरंगबली का महत्व चुनावी दृष्टि से बढ़ा है। मंगलवार को अचानक कांग्रेस की प्रभारी शैलजा राजधानी पहुंची और मुख्यमंत्री निवास में बैठक का दौर शुरू हुआ। इस बार से चर्चा शुरू हो गई कि प्रदेश में राजनीतिक फेरबदल होने जा रहा है। बात यहां तक पहुंची कि मुख्यमंत्री बदलने जा रहे हैं और नहीं तो मंत्रिमंडल में बड़ा बदलाव हो सकता है। इस तरह की खबरों की गर्माहट शाम होते होते ठंडी पड़ गई लेकिन यह बात तो सच है कि कांग्रेस प्रभारी शैलजा अचानक रायपुर आर्इं, यह भी सच है कि मुख्यमंत्री निवास में महत्वपूर्ण नेताओं की बैठक भी हुई जिसमें ताम्रध्वज साहू, चरणदास महंत, मोहन मरकाम, टी एस सिंहदेव सहित अनेक मंत्री शामिल हुए। सवाल यह भी है कि आनन-फानन में यह बैठक क्यों हुई? एक बात तो है कि कांग्रेस सरकार पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। ईडी ने कोयला घोटाले के बाद शराब घोटाले में बड़े अधिकारियों और व्यापारियों को गिरफ्तार किया है जिनके तार कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं से जुड़े हुए हैं। कुछ बड़े अधिकारी और नेता भी गिरफ्तार हो सकते हैं, संभव है कुछ उससे भी बड़ी कार्रवाई हो जाए। इस बात की चर्चा भी हो रही थी कि राजधानी में सीआरपीएफ की बड़ी टुकड़ी आई है, संभव है ईडी कोई बड़ी कार्रवाई करे। अगर ऐसा कुछ होने वाला है, कांग्रेस हाईकमान को कोई इंटेलिजेंस रिपोर्ट मिली हो। ऐसी स्थिति में कांग्रेस का कुनबा एकजुट होकर बयान दे या संघर्ष करे इसकी चर्चा शैलजा की बैठक में हुई हो। क्योंकि इस बैठक में संगठन के प्रमुख और वरिष्ठ मंत्री उपस्थित थे और जो बैठक में आए उनमें आपस में खटपट की खबर भी आती रहती है। रही बात प्रदेश में कांग्रेस संगठन या सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की तो अभी कर्नाटक सरकार बनाने के लिए दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान माथापच्ची कर रहा है। ऐसे में छत्तीसगढ़ उनकी सोच में कम से कम अभी तो नहीं होगा। दूसरी बात प्रदेश प्रभारी की शक्ति में नेतृत्व परिवर्तन पर चर्चा करने की नहीं है। वैसे कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने वहां सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया था। अब जब तीन राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें दो राज्यों में कांग्रेस की सरकार है और छत्तीसगढ़ में तो ईडी ने भ्रष्टाचार के बड़े मुद्दों को उजागर किया है। इधर भाजपा भी चावल वितरण में भ्रष्टाचार और गोठन निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है। ऐसे में अगले चुनाव में भाजपा भी कांग्रेस सरकार के घोटालों को मुद्दा जरूर बनाएगी। संभव है हाईकमान इस बात से चिंतित हो।