जुलाई 2020 में तत्कालीन उप मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ सचिन पायलट को गहलोत सरकार के खिलाफ उनके बगावती तेवरों और मानेसर में 19 विधायकों संग कैंप करने के चलते उपमुख्यमंत्री पद के साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था। अब तीन साल बाद चुनाव से पहले सुलह हुई और पायलट को संगठन में फिर से पद देते हुए उनका सियासी कद बढ़ा दिया गया है। वर्किंग कमेटी मेम्बर के तौर पर पायलट अब कांग्रेस के शीर्ष नेताओं यानी टॉप लीडरशिप के साथ बैठेंगे। सचिन पायलट के साथ ही वर्किंग कमेटी कोर टीम में राजस्थान से पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह और राज्य के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र से आने वाले जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को भी जगह मिली है। राजस्थान से ही आने वाले अभिषेक मनु सिंह सिंघवी, मोहन प्रकाश, हरीश चौधरी, पवन खेड़ा भी वर्किंग कमेटी में शामिल हैं। ये सात सदस्य राजस्थान से हैं। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव सुखजिंदर सिंह रंधावा और चुनाव स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन गौरव गोगोई भी सीडब्ल्यूसी में शामिल हैं। गहलोत और पायलट में सुलह कराने वाले राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी ष्टङ्खष्ट सदस्य हैं। वेणुगोपाल राजस्थान से राज्यसभा सांसद भी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक भी राजस्थान से मौजूदा राज्यसभा सांसद हैं। राजस्थान के पूर्व प्रदेश प्रभारी अजय माकन और अविनाश पांडे भी इसमें शामिल हैं। आनंद कुमार भी राजस्थान से पूर्व राज्यसभा सांसद रहे हैं। कुमारी शैलजा पिछले विधानसभा चुनाव (2018) में टिकट तय करने के लिए बनी स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष थीं। इससे पहले वे राजस्थान प्रभारी की जिम्मेदारी भी संभाल चुकी हैं। एक बात समझनी होगी कि सचिन पायलट पर कांग्रेस हाईकमान ने फिर से भरोसा जताया है और उन्हें उस वर्किंग कमेटी का सदस्य बनाया है, जहां कांग्रेस पार्टी के सारे टॉप लेवल पर निर्णय होते हैं और इसमें पार्टी स्ट्रेटजी और प्लानिंग की सीक्रेसी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। इससे राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में भी उनका दखल बढ़ेगा। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी के अलावा मल्लिकार्जुन खरगे की भूमिका उनकी इस नियुक्ति में अहम रही है। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव में सीएम अशोक गहलोत के साथ ही सचिन पायलट भी स्टार प्रचारक के रूप में दौरे करेंगे। पार्टी ने स्ट्रेटजी के तहत सचिन पायलट को ष्टङ्खष्ट में लिया है। इसके जरिए पायलट समर्थक नेताओं, उनके फॉलोअर्स युवाओं और गुर्जर समाज में एक सियासी मैसेज देने की कोशिश की गई है। राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत के फेस पर और उनकी योजनाओं पर ही चुनाव हो रहे हैं, लेकिन चुनाव में जीतने के लिए सचिन पायलट का साथ होना भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।