Home इन दिनों फिर सक्रिय हैं एंटी इंडिया लॉबी

फिर सक्रिय हैं एंटी इंडिया लॉबी

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भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हिन्द का डंका बज रहा है। चंद्रयान चांद के साउथ पोल पर पहुंच गया। लेकिन एंटी इंडिया लॉबी और मोदी सरकार से घृणा करने वाले लोग फिर बेचैन हो उठे हैं। भारत के माथे पर चिंता की लकीरें खींचने वाली एक खबर सामने आई। खबर ये है कि हिन्दुस्तान के फाइनेंशियल सेक्टर पर दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक होने वाला है। हिंडनबर्ग जैसी फिर कोई रिपोर्ट आने वाली है, जिससे स्टॉक मार्केट से लेकर कॉरपोरेट हाहाकार मच सकता है। ये रिपोर्ट कहां से आ रही है और कौन इसे ला रहा है तफ्सील से आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे। एक नाम जो पिछले कुछ समय पहले चर्चा में खूब रहा, वो नाम जॉर्ज सोरोस का है। आपमें से कई लोगों ने तो इनका नाम इससे पहले तक ज्यादा नहीं सुना होगा। ये अमेरिका के ऐसे बिजनेसमैन हैं जो पारंपरिक रूप से मोदी सरकार के विरोधी हैं। यानी उनका काम मोदी का विरोध करना है। अब खबर है कि भारत के खिलाफ ये साजिश 82 साल के बूढ़े जॉर्ज सोरोस द्वारा रचा जा रहा है। लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने शेष रह गए हैं। वहीं जी20 समिट और विदेशी मेहमानों के आगमन में करीब हफ्ते भर का समय शेष है। ऐसे में अब जॉर्ज सोरोस द्वारा समर्थित समूह एक और रिपोर्ट जारी करने की योजना बना रहा है जिसे ‘हिंडनबर्ग 2.0’ कहा जा रहा है। आर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी-संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट) देश के कुछ औद्योगिक घरानों के बारे में ‘कुछ खुलासाÓ कर सकता है। इस संगठन को जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड जैसी इकाइयां वित्तपोषित करती हैं। मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने कहा कि स्वयं को एक खोजी रिपोर्टिंग मंच कहने वाला ओसीसीआरपी औद्योगिक घराने के बारे में रिपोर्ट या लेखों की एक श्रृंखला प्रकाशित कर सकता है। इसका गठन यूरोप, अफ्रीका, एशिया और लातिनी अमेरिका में फैले 24 गैर-लाभकारी जांच केंद्रों ने किया है। हिंडनबर्ग रिसर्च की इस साल 24 जनवरी की रिपोर्ट में अडाणी समूह पर ऑडिट में धोखाधड़ी, शेयर मूल्य में गड़बड़ी करने और कर चोरों के पनाहगाह क्षेत्रों के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया गया था। इससे समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। हालांकि अडाणी समूह ने सभी आरोपों को आधारहीन बताते हुए उसे सिरे से खारिज कर दिया था। सेबी 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दे। मई में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त छह सदस्यीय विशेष समिति ने कहा था कि अडानी ग्रुप के शेयरों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जारी होने से संदिग्ध ट्रेडिंग हुई थी।