Home बाबू भैया की कलम से नक्सल उन्मूलन के साथ और प्रगति करेगा प्रदेश

नक्सल उन्मूलन के साथ और प्रगति करेगा प्रदेश

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प्रदेश में बहुत खुशी की बात यह हो रही है कि अब हमारे नक्सल क्षेत्र से जवानों के शहादत की नहीं लगातार नक्सलियों के मौतों की खबरे आती हैं। अभी कल ही हमारे प्रदेश की नक्सलियों से रक्षा करने वाले डीआरजी के जवानों ने नक्सलियों के कोर ग्रुप के खूंखार लीडर गगन्ना उर्फ नम्बला केशव उर्फ वासव राजू समेत 27 नक्सलियों का काम तमाम कर दिया। लगातार 50 घंटे पैदल चलकर फ़ोर्स के जवानों ने यह अभूतपूर्व कारनामा कर दिखाया। वासव राजू पर सरकार की ओर से डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम था। वासव राजू नक्सलियों का योजनाकार (आपरेशन हेड) नेता था। वासवराजु के शव की पहचान उसके साथ काम कर चुके आत्मसमर्पित नक्सलियों से कराई गई । फ़ोर्स के पास राजू की पुरानी तस्वीर थी। इसलिए पहचान में दिक्कत थी। यह मुठभेड़ अबुझमाण्ड के अबूझ गहन जंगलों में हुई। जवानों ने 27 नक्सलियों को मार कर यह साबित कर दिया कि हमारे लिए कोई भी स्थान अब अबूझ नहीं है। नक्सलियों को अबुझमाण्ड के जंगलों में घेरने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत व सटीक इरादे के साथ 50 घंटे पैदल चल कर यह सफलता हासिल की है। माना जाता है कि वासव राजू के मारे जाने की पुष्टि होने के बाद अब इस क्षेत्र में या यूँ कहें कि नक्सलियों के पास नेतृत्व का अभाव हो गया है। नक्सलियों में नेतृत्व विहीनता के चलते पहले से अधिक घबराहट का अंदेशा है। ऐसी स्थिति में फ़ोर्स को और कामयाबी मिल सकने की उम्मीद है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि सभी मृत नक्सलियों के शव बरामद किये जा चुके हैं। कररेगुड़ा की पहाडिय़ों पर मिली कामयाबी के बाद लगातार मिल रही कामयाबी से फ़ोर्स में भारी उत्साह है। नक्सली भागने -छुपने या मरने की स्थिति में पहुंच गए हैं। मुकाबला करने की हिम्मत टूट रही है। एक के बाद एक इलाके में हमारी फ़ोर्स का कब्जा होता जा रहा है। गहन नक्सल क्षेत्र में नक्सलियों की सफाई होती जा रही है। हम विश्वास कर सकते हैं कि आने वाले 2026 में नक्सल समाप्ति का लक्ष्य पूरा हो जाएगा। नक्सल लीडरों में अब चंद ही योजनाकार व सेंट्रल कमेटी के मेंबर नेता शेष बचे हैं। उनको घेरे में लेने फ़ोर्स हर संभव प्रयास कर रही है। फ़ोर्स के जवान बधाई के पात्र है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जब इस संकल्प को सार्वजनिक किया तो अधिकांश लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था कि कोई सरकार इस लक्ष्य को पा सकती है। चार माह के एक्शन व बड़ी संख्या में मारे जा रहे नक्सलियों की सूचना ने उस धारणा को बदलने का काम किया है। केंद्रीय सरकार के संकल्प की मॉनिटरिंग जिस तरीके से प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय व गृह मंत्री विजय शर्मा कर रहे हैं,और लगातार सफलता मिल रही है,तो कहा जा सकता है कि जल्द ही हमारा बस्तर नक्सल मुक्त होकर देश दुनिया के पर्यटन के नक्शे में अहम स्थान बना लेगा। लगने लगा है कि हमारा बस्तर फिर एक बार चहकेगा, मुस्कुराएगा, गुनगुनएगा। अपनी आदिवासी संस्कृति से , गीत संगीत, नृत्य से दुनिया को आकर्षित करने की स्थिति में होगा। उसकी कोटमसर की गुफाएं, अदभुत जलप्रपात ,वर्जिन जंगल देश विदेश के पर्यटकों से फिर आबाद होंगें। खूंखार जानवरों से आदिम जाति के आपसी सामंजस्य व प्रेम की चर्चाएं फिर छिड़ेंगी। आदिवासी क्रांतियों की फिर चर्चा होगी। उनकी जीवन शैली पर रिसर्च होने शुरू होंगें। पर्यटन बढ़ेगा तो देश -दुनिया की चर्चा में आएगा हमारा प्रदेश। राजस्व में बढ़ोतरी होगी। खुशहाली बढ़ेगी। इतनी खुशिया सिर्फ नक्सल उन्मूलन के संकल्प के पूरे होते ही हमें मिलने वाली हैं। ऐसा सपना अब राज्य की जनता भी देखने लगी है। केंद्र सरकार ,प्रदेश सरकार और नक्सलियों से आये दिन दो-दो हाथ कर रहे जवानों को एक एक घटना के बाद प्रशंसा मिल रही है। प्रशंसा के पात्र वे पर्दे के पीछे के लोग भी हैं जो नक्सली नेताओं के मूवमेंट की पल पल की जानकारी हमारे अधिकारियों के माध्यम से जवानों तक उपलब्ध कर रहे है जिनके कारण फ़ोर्स सटीक ऑपरेशन चला रही है। लोगों का कहना है कि अगर नक्सलियों का समूल नाश का सपना सच हो गया तो प्रदेश की जनता का आकर्षण भाजपा की प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के प्रति बढ़ेगा जो उसे राजनैतिक लाभ भी पहुंचाएगा।