2023 के अंत में राज्य में विधानसभा चुनाव होने को है। इसकी तैयारी में सभी राजनीतिक पार्टियां जुट गई है। ऐसा लगता है कि आगामी विधानसभा चुनाव के मुद्दे भी लगभग तय होते जा रहे है। मैदानी क्षेत्र में तो धान खरीदी की कीमत बड़ा मुद्दा बनेगी तो प्रदेश के उत्तर और दक्षिण में जनजाति क्षेत्र के लिए आरक्षण और धर्मान्तरण बड़ा मुद्दा बन सकता है। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान वाले कानून को निरस्त करने के उच्च न्यायालय के फैसले पर स्टे देने से मना कर दिया। अब इस मामले की सुनवाई 22 मार्च को होगी। इधर छत्तीसगढ़ विधानसभा ने पिछले कानून से आगे बढ़ते हुए 76 प्रतिशत का आरक्षण विधेयक पारित किया हुआ है, जिस पर अभी तक राज्यपाल की अनुमति नहीं मिली। अब एक विचित्र स्थिति बनती दिख रही है। अगर सर्वोच्च न्यायालय ने 58 प्रतिशत को खारिज कर दिया तो 76 प्रतिशत आरक्षण वाला विधेयक का क्या होगा? क्योंकि 58 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए विधानसभा ने ही विधेयक पारित किया था। एक और संभावना यह है कि अगर सर्वोच्च न्यायालय ने 58 प्रतिशत आरक्षण को स्वीकृत कर लिया तो फिर 76 प्रतिशत आरक्षण विधेयक का क्या होगा? यह बात तो सभी जानकार समझ रहे है कि मामला धर्मान्तरण का हो या आरक्षण का। यह एक संवेदनशील भावनात्मक मुद्दा है जिस पर राजनीति जमकर हो रही है। दोनों ही विषय जनजाति समुदाय के हित से जुड़ा हुआ है और दोनों विषयों पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश है। आरक्षण का मुद्दा युवाओं को परेशान किए हुए है क्योंकि इसके लागू नहीं होने से प्रदेश में नई भर्ती रुकी हुई है और पुरानी भर्ती प्रक्रियाओं के परिणाम अटके हुए है। यह सरकार के लिए भी चिंता का विषय है क्योंकि युवाओं को रोजगार उपलब्ध नहीं होने से उनकी नाराजगी चुनाव में झेलनी पड़ सकती है। दूसरी ओर धर्मान्तरण का मुद्दा भी बस्तर संभाग के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ वर्षों से जनजाति समुदाय इसाई धर्म में धर्मान्तरित लोगों को लेकर नाराज है और कई घटनाएं भी हो चुकी है। एक बार कांग्रेस पार्टी को समझनी होगी कि ये दो मुद्दे समय रहते नहीं सुलझे तो इसका खामियाजा न केवल उत्तर और दक्षिण छत्तीसगढ़ के जनजाति सीटों पर भुगतना होगा बल्कि प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में भी इसका लाभ भाजपा को मिल सकता है। दोनों ही मुद्दे समाज को अस्थिर और अशांत करने वाले है इसलिए समाज के सौहाद्र्र को बनाए रखने के लिए दोनों मुद्दों का समाधान जरुरी है।