कांग्रेस का तीन दिवसीय राष्ट्रीय महाधिवेशन सम्पन्न हो गया। अनेक अड़चनों के बाद भी कांग्रेस के लिहाज से अधिवेशन उम्मीद से अधिक सफल रहा। छतीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति से जुड़ी व बैगा आदिवासी महिलाओं द्वारा बांस व घास से निकाले महीन रेशों से बनाई गई बीरन माला। इसी बीरन माला को पहना कर देश भर से आये अतिथियों का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व अन्य नेताओं ने स्वागत किया। पके बांस व सुखी घास के धागे सुनहरे रंग के होते हैं तो माला भी सुनहरे रंग थी। प्रदेश में विपक्षी दल भाजपा ने दूर की कौड़ी खोजते हुए आरोप हवा में तैरा दिया कि कांग्रेस का भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है। जनता के पैसे की लूट से अतिथियों का स्वागत स्वर्ण की माला से किया गया , यानी 20000 मेहमान तो उतनी ही स्वर्ण माला। कह दिया गया कि कांग्रेस का भ्रष्टाचार उजागर हो गया। पूरे देश में फैलाने के साथ आनन फानन में भाजपा के आईटी सेल ने प्रचार का दायरा बढ़ाकर इसे अंतरराष्ट्रीय तक पहुंचा दिया। एक दिन के कुछ घंटों में ही बात फैल गई चर्चा शुरू हो गई। भाजपा आईटी सेल अच्छी तरह जानता था कि बात अगर जाएगी तो दूर तलक जाएगी। वाकई चली भी गई। कांग्रेस की छतीसगढ़ सरकार इस बेवजह झूठे हमले से भौंचक रह गई। कांग्रेस भी तत्काल सक्रिय हुई और जवाब एक बैगा आदिवासी किसान के वीडियो वायरल होने के साथ आया। वीडियो में बैगा आदिवासी बीरन माला कैसे गूंथा जाता है उसकी पूरी प्रक्रिया समझा रहा है, और एक आदिवासी महिला माला गूंथ रही है। उसमें दिखाया गया कि बांस की कमची के तार कैसे अलग किये जाते है और एक खास प्रकार की घास के रेशों को तार की तरह कैसे निकाला जाता है। माला कैसे गुंथी जाती है। यह वीडियो भी बहुत से लोगों ने देखा जरूर पर पहले उड़ाए गये आरोपों के असर पर भारी नही पड़ पाए। इसे इन मायनों में देखें कि पहला झूठ तब तक लोगों के दिमाग में सच का रूप ले चुका था। देश के लोग इसकी चर्चा करने लगे थे। बात बहुत आगे बढ़ चुकी थी। सोने की नहीं छतीसगढ़ के घास की माला थी। ये समझ में सबके आ गया हो ऐसा वीडियो देख कर लगा नहीं। कलयुग की वतर्मान राजनीति में झूठ प्रतिष्ठा पा गया। विपक्षी झूठ बोलकर भी खुश थे। राजनैतिक फायदा मिल रहा था इसलिए सच सामने आने के बाद भी अपने इस झूठ में संशोधन नहीं किया, ना मैसेज हटाया। राजनीतिक सुचिता का पालन नहीं किया। आज भी उनका यह झूठ देश की जनचर्चा में तैरता रहा। छतीसगढ़ के लोगों के बीच जरूर यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा ने यह झूठ बोलकर हमारी प्रदेश के आदिवासियों की संस्कृति व कला का लगभग अपमान ही किया है। जनता क्या जवाब देगी यह कहा नही जा सकता क्योंकि भगवान की लाठी की तरह जनता की लाठी में भी आवाज नहीं होती। जिनकी समझ में सच आ गया वे लोग कह रहे हैं , प्रदेश भाजपा को ये हो क्या गया है ? घास की माला उन्हें सोने की माला किसे दिखाई देने लगी है। भूपेश बघेल ने इसी पर तंज कसते हुए कहा है कि अडाणी के दोस्तों को घास भी सोना दिखाई देने लगा है। कांग्रेसजनों के अनुसार महाधिवेशन के दौर में इस आयोजन को पहले तो ईडी के माध्यम से असफल करने के प्रयास किये गए। भूपेश बघेल ने साफ कहा कि हम अंग्रेजों से नहीं डरे तो ईडी से और भाजपा से क्या डरेंगे। हुंकार भरते हुए कहा कि हमारा अधिवेशन पूरी तरह से सफल होगा। सफल हो भी गया। भाजपा को सूझ नहीं रहा था , कि कैसे अधिवेशन में अड़ंगा लगाएं। इसलिए कुछ भी आरोप लगा रही है। इसका एक और उदाहरण बताया गया कि अब ये लोग माला के बाद छाता पर भी घटिया राजनीति में उतर गए। यह उनकी छोटी मानसिकता का प्रतीक है। सभी जानते हैं कि सोनिया गांधी अस्वस्थ होने के बाद भी रायपुर अधिवेशन के राजनीतिक व इतिहासिक अहमियत को समझते हुए इसका हिस्सा बनने यहां आई। इसी कारण उन्हें धूप से बचाने उन के सर पर छाता लगाया गया। इस संवेदन शील विषय को भी राजनैतिक आरोप का हथियार बनाया गया। जिसका राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष खरगे ने माकूल जवाब दे दिया। छोटी छोटी बातों को मुद्दा बनाने वाली इस पार्टी के पास कोई भी बड़ा मुद्दा प्रदेश सरकार के खिलाफ है ही नहीं। इसीलिए यह इस घटिया राजनीति पर उतर गई है।
आरोपों व प्रत्यारोपों के दौर में एक बात महत्वपूर्ण है। बुद्धिजीवियों का कथन है कि भाजपा जानते बुझते भी यह कर सकती है, क्योंकि वो जानती है कि छतीसगढ़ में भले ही इस चर्चा का शमन बीरन माला की सच्चाई सामने आने के बाद हो जाये। देश की अवाम के बीच वे कांग्रेस के शीर्ष पर पहुंच रहे स्टार प्रचारक भूपेश बघेल की छवि को सोना बांटने वाला मुख्यमंत्री के रूप में प्रतिष्ठा दिलाने का काम तो कर ही लेंगें। इसी को कहते हैं कि झूठ को सच की तरह फैलाने की कला। कांग्रेस को इस छोटे से आरोप के भीतर उभरे बड़े आयतन को समझ देश स्तर पर कैसे इसका बचाव किया जाए इस पर सोचना पड़ रहा है। भले ही सारी कवायदे हुईं लेकिन यह तो चर्चा में है कि कांग्रेस का यह राष्ट्रीय महाधिवेशन अनेक मायनों में बेहद सफल व ऐतिहासिक रहा है।