Home इन दिनों पहलवानों का आंदोलन हुआ हाईजैक

पहलवानों का आंदोलन हुआ हाईजैक

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भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे पहलवानों की लड़ाई जंतर-मंतर से गंगा (हरिद्वार) तक पहुंच गई। किसान नेता नरेश टिकैत ने गंगा में मेडल बहाने से पहलवानों को रोक दिया। अब आगे क्या करना है, ये सब पांच दिन में तय होगा। जंतर मंतर पर कई दिनों से पहलवानों का प्रदर्शन जारी था, दिल्ली पुलिस किसी को वहां आने-जाने से रोक नहीं रही थी। इस आंदोलन में शामिल लोगों के बीच मनभेद भी हुआ और मतभेद भी रहा। जाट बनाम ठाकुर हुआ तो वहीं राजनीतिक दलों द्वारा इस आंदोलन को हाईजैक करने का प्रयास भी हुआ। 28 मई को नए संसद भवन के बाहर पहलवानों के प्रदर्शन को लेकर वहां मौजूद लोगों में जबरदस्त मतभेद रहा। इस बाबत दो समूह बन गए। एक का कहना था कि नए संसद भवन का उद्घाटन एक एतिहासिक दिन है, इसमें बाधा डालना ठीक नहीं है। इसके बावजूद पहलवानों ने संसद भवन की ओर जाने का प्रयास किया। पहलवानों के आंदोलन के दो चरण रहे हैं। पहला चरण जनवरी में शुरू हुआ था। उस वक्त पहलवानों ने राजनीतिक दलों को अपने मंच पर नहीं आने दिया। पहलवान बबीता फोगाट, जो भाजपा नेता हैं, उन्होंने जंतर मंतर पर पहुंचकर पहलवानों को न्याय दिलाने की बात कही। तभी बृजभूषण शरण सिंह खेमे की ओर से कहा गया कि ये आंदोलन हरियाणा के एक अखाड़े और एक परिवार का है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद पुत्र दीपेंद्र हुड्डा पर पहलवानों को उकसाने का आरोप लगा। इसके बाद सोशल मीडिया पर जाट बनाम ठाकुर की पोस्टों की भरमार हो गई। पहलवानों के आंदोलन को एक जाति से जोडऩे का प्रयास किया गया। बृजभूषण शरण के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद पहलवान, जंतर मंतर से उठ गए। जब तीन माह तक कुछ नहीं हुआ, तो वे दोबारा से यहां पहुंच गए। इस बार पहलवानों ने राजनीतिक दलों, किसान नेताओं, सामाजिक संगठनों और खाप पंचायतों से आग्रह किया कि वे उनका साथ दें। इसके बाद प्रियंका गांधी, भूपेंद्र हुड्डा, अरविंद केजरीवाल, पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, पूर्व सीएम ओपी चौटाला और दूसरे कई नेता पहलवानों को अपना समर्थन देने पहुंच गए। दूसरे चरण के शुरू में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली पुलिस को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर करने का आदेश दिया। मामला दर्ज हो गया और पहलवानों के बयान भी हो गए। बृजभूषण शरण सिंह पर पॉक्सो एक्ट की धारा भी लगी। अब पहलवानों ने कहा, पुलिस बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करे। अब यह आंदोलन पूरी तरह से दो जातियों के बीच बंट चुका था। किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष चौधरी पुष्पेंद्र सिंह भी मानते हैं कि पहलवानों को एक जाति विशेष से जोड़कर देखा गया। इस वजह से भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद जंतर मंतर पर आए। कांग्रेस के पूर्व सांसद एवं दलित नेता उदित राज भी नियमित तौर पर पहलवानों के आंदोलन में पहुंचते रहे। राजस्थान से गुर्जर समुदाय को साथ लाने की कोशिश हुई। बतौर पुष्पेंद्र सिंह, इस आंदोलन की दिशा को भटकाने का प्रयास हुआ है। आंदोलन को जाति विशेष से जोड़ दिया गया। गुरुवार को सोरम (मुजफ्फरनगर) में खाप पंचायत होगी। उसमें कोई बड़ा निर्णय लिया जाएगा। पहलवान भी खाप पंचायत में मौजूद रहेंगे।