अभी बॉलीवुड के साथ ग्रह नक्षत्रों की का तालमेल ठीक से मेल नहीं खा रहा है। एक तरफ एक के बाद एक फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो रही है तो दूसरी ओर फिल्म के दृश्यों, डायलॉग और कथानक को लेकर विवाद खड़े हो रहे हैं। अभी केरल स्टोरी का विवाद थमा नहीं था कि 500 करोड़ से अधिक के खर्च से बनी फिल्म आदिपुरूष को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। पिछले शुक्रवार को फिल्म परदे पर रिलीज़ हुई, और उसी दिन से प्रभु राम, हनुमान और सीता के चरित्र, पहनावे और डायलॉग का विरोध हो रहा है। टेलीविजन पर चर्चा हो रही है, इस मामले में कांग्रेस, भाजपा और वामदलों की राय लगभग एक जैसी है। बहुत सालों के बाद पूरा देश किसी मुद्दे पर एकजुट हुआ है जबकि इस फिल्म को लेकर विवाद को कुछ बढ़ा चढ़ा कर बताया जा रहा है। यह समझ में नहीं आया की रामायण की कथानक पर बनी फिल्म में प्रभु राम की कहानी को दर्शाया गया, इस फिल्म का भारतीय जनता पार्टी क्यों विरोध कर रही है? इसे सनातन धर्म के विरुद्ध क्यों प्रचारित किया जा रहा है? फिल्म की कहानी में नाटकीयता है, यह किसी भी कहानी पर फिल्म बनाने के लिए जरूरी है। कुछ लोगों को घटनाओं की श्रृंखला पर भी आपत्ति हो सकती है क्योंकि सीमित समय में पूरी कथा बताने के लिए निर्देशक की मजबूरी भी होती है। कुछ को कहानी की सत्यता पर भी संदेह है। प्रारंभ में ही निर्माता ने स्पष्ट कर दिया है कि फिल्म आदिपुरुष वाल्मीकि रचित रामायण पर आधारित है। समाज में रामकथा की लोकप्रियता तुलसीदास कृत रामचरित मानस के पाठन के कारण अधिक है। वातविकता यह है कि दोनों रचनाओं में घटनाएं और तथ्यों में बहुत अंतर है। टेलीविजन पर प्रसारित रामानंद सागर का धारावाहिक रामायण मुख्य रूप से रामचरित मानस पर आधारित था। लोगों के मानसपटल पर वही कथा है। अब आदिपुरुष की तुलना करने पर दर्शकों को अंतर लग सकता है। इससे ज्यादा आश्चर्य तो इस बात पर है की कांग्रेस पार्टी को यह फिल्म प्रभु राम के चरित्र के विरुद्ध लग रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तो इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने लगे हैं।कांग्रेस का राम के प्रति भक्ति को देखकर भाजपा भी परेशान है। फिल्म को देखने बाद ऐसा आपत्तिजनक कुछ भी नहीं लगा, अगर आप फिल्म देखने के मूड से जा रहे हैं। डायलॉग में कुछ वाक्यों में हल्कापन जरूर है लेकिन पूरे देश में भाषा को लेकर हल्कापन देखा जा रहा है, इसलिए बहुत अटपटा नहीं लगता। जब विरोध हो रहा है तो पटकथा लेखक ने डायलॉग को परिवर्तित करने की घोषणा भी की है।