Home इन दिनों शर्त पूरी करने पर पुरानी पेंशन मिलेगी

शर्त पूरी करने पर पुरानी पेंशन मिलेगी

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केंद्र और राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली की मांग तेज होती जा रही है। इसके लिए दोहरा मोर्चा काम कर रहा है। एक मोर्चे पर केंद्र एवं राय सरकारों के कर्मचारी संगठन हैं, तो दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने सरकार पर दबाव बनाया हुआ है। इस मुद्दे पर सरकार ने वित्त मंत्रालय की एक कमेटी गठित की है। हालांकि इस कमेटी का जो कार्यक्षेत्र तय किया गया है, उसमें ओपीएस का कहीं भी जिक्र नहीं है। उसमें केवल एनपीएस में सुधार की बात कही गई है। पिछले दिनों भी सरकार ने अपने उन कर्मियों को एनपीएस से हटाकर ओपीएस में शामिल होने का अवसर प्रदान किया था, जिनकी नियुक्ति प्रक्रिया 22 दिसंबर 2003 से पहले शुरू हुई थी, मगर उनकी ज्वाइनिंग एक जनवरी 2004 को या उसके बाद हुई है। अब इसी तर्ज पर अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को भी वन टाइम विकल्प प्रदान किया गया है। अगर वे भी उक्त शर्त को पूरा करते हैं तो उन्हें ओपीएस में शामिल होने का मौका मिल सकता है। अखिल भारतीय सेवाओं के ऐसे अधिकारी, जिनकी नियुक्ति किसी ऐसे पद या वैकेंसी के विरूद्ध हुई थी, जिनकी भर्ती की अधिसूचना/विज्ञापन 22 दिसंबर 2003 से पहले जारी हुआ था। किसी वजह से उनकी वाइनिंग एक जनवरी 2004 को या उसके बाद हुई, तो वे पुरानी पेंशन की बजाए एनपीएस के दायरे में आ गए। ऐसे अधिकारियों को अब ओपीएस में शामिल होने के लिए वन टाइम छूट प्रदान की गई है। इसके अंतर्गत वे अधिकारी आएंगे, जो सिविल सर्विस एग्जामिनेशन 2003 और सिविल सर्विस एग्जामिनेशन 2004 के जरिए सेवा में आए हैं। भारतीय वन सेवा, 2003 के अधिकारी भी वन टाइम छूट के दायरे में शामिल हैं। ऐसे अधिकारियों को भी उक्त योजना का लाभ मिलेगा, जो 22 दिसंबर 2003 से पहले किसी अन्य जॉब में थे, लेकिन उन्होंने प्रतियोगी परीक्षा के जरिए आईएएस, आईपीएस और आईएफएस में स्थान बनाया था। यानी वे अधिकारी पहले से ही केंद्र की किसी सेवा में काम कर रहे थे। लिहाजा उस वक्त केंद्र और राय सरकारों में पुरानी पेंशन लागू थी। वे पुरानी पेंशन में शामिल हो गए थे, लेकिन जब उन्होंने उक्त अवधि के दौरान यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस, आईपीएस और आईएफएस में जगह बनाई और एक जनवरी 2004 को या उसके बाद ज्वाइनिंग की, तो उन्हें एनपीएस में शामिल कर दिया गया। इस मामले में कई अधिकारी और कर्मचारी, अदालतों में भी गए थे। कैट में भी यह मामला जा चुका है। वहां से कर्मियों में हक में जो फैसला आया, उसके बाद सरकार ने सभी अधिकारी और कर्मियों को वन टाइम विकल्प प्रदान करने का निर्णय लिया। डीओपीटी ने सभी रायों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि उक्त शर्त पर खरे उतरने वाले अधिकारी, ओपीएस में शामिल होने के लिए अपना आवेदन दे सकते हैं।