Home छत्तीसगढ़ रमन सरकार में आदिवासियों को लेकर दीपक बैज का बड़ा खुलासा

रमन सरकार में आदिवासियों को लेकर दीपक बैज का बड़ा खुलासा

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की जनसंख्या कुल आबादी के लगभग 32 फीसदी के आसपास है। ये वो वोटर्स है जिनका सरकार बनाने में बड़ा हाथ रहता है। यही वजह है कि चुनाव पास आते ही प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा, आदिवासियों के सबसे बड़ी हितैषी के रूप में खुद को साबित करने में लगी है। भाजपा का कहना है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक मानते हुए गुमराह करने में लगी है तो कांग्रेस भाजपा राज में आदिवासियों की नक्सली बनाकर हत्या करवाने का आरोप लगा रही है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और बस्तर सांसद दीपक बैज ने दावा किया कि पिछली भाजपा सरकार में आदिवासियों को पहले गोली मारकर हत्या की गई। उसके बाद उन्हें नक्सली वर्दी पहनाई गई। बैज ने कहा कि सिर्फ यही बात खत्म नहीं हुई। बस्तर में निर्दोष आदिवासियों के घरों में आग लगाई गई। दीपक बैज ने विश्व आदिवासी दिवस पर ये आरोप भाजपा पर लगाया।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अमित साहू ने दीपक बैज के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने सभी बड़े नेताओं को नक्सली हमले में खत्म करवा दिया। आज भी झीरम हमले की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा रही है। भूपेश बघेल जब विपक्ष में थे तो वो कहते थे कि झीरम की रिपोर्ट उनकी जेब में है, लेकिन आज सरकार बनने के पौने 5 साल बाद भी रिपोर्ट उनकी जेब से नहीं निकली है।
अमित साहू ने कहा दीपक बैज बस्तर से नक्सली समस्या खत्म करने का दावा करते हैं लेकिन वहां की स्थिति कुछ और ही है। प्रदेश में अब कांग्रेस के ज्यादा दिन नहीं है। सरकार में रहते हुए ये उनका आखिरी बयान है।
दीपक बैज ने विश्व आदिवासी दिवस पर कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के आदिवासी पहले की तुलना में काफी सुरक्षित है। जब से कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सत्ता में आई है, बस्तर और प्रदेश के दूसरे हिस्सों में रहने वाली आदिवासी निश्चिंत होकर अपना जीवन जी रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा की है।बैज ने दावा किया कि कांग्रेस शासनकाल में पहली बार बस्तर में शांति लौट रही है। आदिवासी कांग्रेस की योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।
प्रदेश में लगभग 80 लाख आदिवासी आबादी है। इन 80 लाख में से लगभग 70 लाख लोग बस्तर और सरगुजा में रहते हैं। बाकी 10 लाख लोग मैदानी क्षेत्रों में हैं। इन 80 लाख आदिवासी आबादी में से लगभग 54 लाख मतदाता हैं। 2018 में 54 लाख में से लगभग 40 लाख वोटर्स ने अपना वोट दिया था। कांग्रेस ने इनमें से करीब 24 लाख वोट हासिल किए थे, भाजपा के खाते में सिर्फ 14 लाख वोट गए थे। जबकि 2 लाख आदिवासी वोट अजीत जोगी की जेसीसीजे पार्टी को मिले थे।